HRD मंत्रालय ने यूपी को उच्च शिक्षा में देश का नंबर वन राज्य बताया

उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश को उच्च शिक्षा में देश का नंबर वन राज्य बताया गया है. पूरे देश में केंद्र सरकार द्वारा कराए गए उच्च शिक्षा संस्थानों के मामले में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान प्राप्त हुआ है.

सर्वे के मुताबिक देश में उच्च शिक्षा के सबसे ज्यादा संस्थान 7,078 उत्तर प्रदेश में है. केंद्र सरकार के अनुसार देश में उच्च शिक्षा के संस्थानों का 18.54 फीसदी हिस्सा केवल अकेले उत्तर प्रदेश का है.

वही नहीं उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में भी अव्वल नंबर पर है. सर्वे के मुताबिक राज्य के कॉलेजों में देश के 45.92 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं.

योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ शिक्षा और रोजगार के विकास का जो संकल्प लिया था उसे 4 सालों में पूरा करके दिखाया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से उच्च शिक्षा क्षेत्र में कराए गए देशव्यापी सर्वे की रिपोर्ट, यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बड़े बदलाव की कहानी बयान करती है.

सर्वे के मुताबिक यूपी में 4,340 कॉलेजों की संख्या है. वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 3,670 कॉलेज हैं. तीसरे नंबर पर कर्नाटक है राजस्थान चौथे और आंध्रप्रदेश पांचवें नंबर पर है.

छात्रों के मामले में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन है उत्तर प्रदेश में 45.92 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं. वही दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा के कॉलेजों में 29.57 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं. तमिलनाडु में 22.74 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं. वहीं चौथे नंबर पर पश्चिम बंगाल में 16.30 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं.

विश्वविद्यालयों की संख्या में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जबरदस्त उपस्थिति दर्ज कराई है. इस सूची में 79 विश्वविद्यालयों के साथ उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान है. जबकि 83 विश्वविद्यालयों के साथ राजस्थान पहले नंबर पर मौजूद है.

सर्वे पर उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा, “यूपी में करीब 17 सरकारी विश्वविद्यालय, 27 से अधिक निजी विश्वविद्यालय और सैकड़ों की तादाद में डिग्री कॉलेज हैं. उत्तर प्रदेश में कई तकनीक, आयुर्वेद और अन्य विश्वविद्यालय भी स्थापित हैं. उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था अन्य राज्यों से कहीं बेहतर है.”

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