खुलासा: कोलकाता पुल हादसे को लेकर सामने आई यह मुख्य वजह

मेजरहाट पुल हादसे के बाद नया खुलासा हुआ है. सामाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अलीपुर डिवीजन ने 16 अप्रैल 2018 को इस पुल की मरम्मत के लिए बाकायदा एक टेंडर नोटिस जारी किया था. मगर बारिश के सीजन से पहले तक इसे दुरूस्त नहीं किया जा सका था. बता दें कि कोलकाता में बुधवार की शाम एक फ्लाईओवर ढह गया था. इस हादसे में कई वाहन दब गए. यह फ्लाईओवर 60 साल पुराना बताया जा रहा है. इसका एक बड़ा हिस्सा जर्जर हो गया था और पुल की मरम्मत का काम चल रहा था.

दक्षिण कोलकाता के मांझेरहाट पर बने इस पुल हिस्सा गिरने से एक शख्स की मौत हो गई थी. मृतक की पहचान सौमेन बाग के रूप में हुई. वह ठाकुरपुकुड इलाके का रहने वाला था. हादसे में करीब 20 के घायल होने की खबर है. ममता बनर्जी ने मेजरहाट पुल हादसे में मारे गए शख्स के परिजनों 5 लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है. बता दें कि जिस वक्त ये हादसा हुआ था उस वक्त पुल पर कई वाहन थे.

देश में पिछले कुछ समय से लगातार पुल हादसे हो रहे हैं और इनमें बड़ी संख्या में लोग मारे भी जा चुके हैं. कोलकाता में ही 2016 में एक बड़ा पुल हादसा हुआ था. यहां के गिरिश नगर पार्क में एक निर्माणाधीन पुल 31 मार्च, 2016 को अचानक ढह गया था. इस हादसे में 27 लोग मारे गए थे और 70 अधिक घायल हुए थे. 2.2 किमी लंबे पुल का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और इसे 2010 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन बार-बार समयसीमा को आगे बढ़ाया गया. खास बात ये थी कि इस पुल के भी निर्माण का ठेका हैदराबाद की आईवीआरसीएल नामक कंपनी को दिया गया था और यह कम्पनी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रतिबंधित थी.

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