हिसार: पीडब्ल्यूडी मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में सड़क दो माह में टूटी

मंत्री के आदेश पर ठेकेदार का भुगतान रोके जाने के बाद यह रातों रात इस सड़क को दुरस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। नियमों के अनुसार दिसंबर- जनवरी माह में सड़क का निर्माण नहीं किया जाता।

प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा के जिले में पीडब्ल्यूडी घटिया निर्माण सामग्री की सड़कों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में है। विभाग के अधिकरियों ने धांसू धिकताना रोड पर रातों रात पैचवर्क कर अपने पुराने कारनामों को दबाने की कोशिश की। दूसरी ओर सातरोड़ – मिर्जापुर-धांसू-जुगलान रोड पर भी तीन महीने में ही टूट गया। वीरवार को अधिकारियों ने इसे रोड़ पर पैचवर्क किया।

पीडब्ल्यूडी मंत्री रणवीर गंगवा ने नवंबर माह में धांसू धिकताना रोड़ की घटिया निर्माण सामग्री मिलने पर जेई, एसडीओ, एक्सईएन को मौके पर ही सस्पेंड कर दिया था। बाद में इस सड़क की निर्माण सामग्री के सैंपल भी भरे गए थे। वीरवार को धांसू से धिकताना को जाने वाली पांच किलोमीटर से अधिक लंबी सड़क पर रातोंरात पैचवर्क शुरू किए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

जानकारी के अनुसार मंत्री के आदेश पर ठेकेदार का भुगतान रोके जाने के बाद यह रातों रात इस सड़क को दुरस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। नियमों के अनुसार दिसंबर- जनवरी माह में सड़क का निर्माण नहीं किया जाता। इसके बाद भी नियमों को दर किनार कर रातों रात सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस बारे में मंत्री को अवगत कराएंगे। भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।

अब दो माह पहले बनी सड़क उखड़ी.. विभाग पैचवर्क में जुटा
दूसरी ओर दिल्ली बाईपास पर एचएन 9 रोड से लेकर मिर्जापुर धिकताना ,शिकारपुर का खेतों का रास्ता बालसमंद सब ब्रांच तक 2 किलोमीटर तक का पीडब्ल्यूडी का रोड कुछ दिन पहले ही बनाकर तैयार की थी। सड़क मार्ग पर लगी सामग्री उखड़ने से लोगों ने संबंधित महकमें पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग के अधिकारियों ने वीरवार को इस सड़क पर पैचवर्क कराया।

दो बार पेचवर्क किया, अब फिर उखड़नी शुरू हुई सड़क
गांव रायपुर निवासी सुभाष टांक, संजय वर्मा, सुलखनी निवासी सलीम सहित अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि मंत्री के उच्च अधिकारी मंत्री के जिले में भी घटिया निर्माण सामग्री लगाने से नहीं चूक रहे। मंत्री की छवि को खराब करने के लिए इस तरह काम कराए जा रहे हैं। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उच्च अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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