हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी: नलवी ने किया चुनाव तारीखों का ऐलान
और तेज हुई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की रार, दीदार सिंह नलवी ने चुनाव की घोषणा की। उधर, कमेटी के महासचिव जोगा सिंह का बयान आ गया कि नलवी द्वारा बुलाई गई मीटिंग अमान्य है। लिहाजा इस मीटिंग में लिए गए तमाम फैसले भी माने जा सकते। जोगा सिंह ने कहा कि हरियाणा कमेटी की 11 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव कमेटी के कम से कम 7 सदस्यों की मौजूदगी के बिना कोई भी मीटिंग वैध नहीं ठहराई जा सकती। काबिले जिक्र है कि शुक्रवार को हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष दीदार सिंह नलवी ने कमेटी के मुख्यालय गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी व नौंवी में एक मीटिंग करके 9 दिसंबर को एग्जीक्यूटिव कमेटी का चुनाव करवाने का ऐलान किया था।
बिना कोरम पूरा किए कोई भी फैसला असंवैधानिक है
एचएसजीपीसी के महासचिव जोगा सिंह ने कहा कि शुक्रवार की बैठक का निमंत्रण बेशक सभी सदस्यों के पास था। लेकिन अधिकतर सदस्य निजी व्यस्तताओं के कारण मीटिंग में नहीं शामिल हो सके। कोरम के लिए जरूरी 7 सदस्य भी मीटिंग में नहीं आए। इसलिए यह मीटिंग अपने आप ही अमान्य हो गई। ऐसे में दीदार सिंह नलवी व सदस्यों द्वारा लिए गए फैसले भी अमान्य हैं। उन्होंने कहा कि कमेटी की अगली बैठक नवंबर माह के आखिरी सप्ताह में बुलाई जाएगी।
झींडा चुनाव नहीं चाहते इसलिए बैठक में शामिल नहीं होते
वरिष्ठ उपप्रधान दीदार सिंह नलवी ने कहा कि झींडा पक्ष चुनाव से बचना चाहता है। इसलिए लंबे समय से जानबूझकर मीटिंगों से दूरी बनाता आ रहा है। नलवी ने कहा कि झींडा गुट द्वारा चुनाव न करवाने के कारण ही जनरल हाउस की बैठक बुलाने का फैसला किया है। कमेटी के गठन से लेकर आज तक सदस्यों को हिसाब नहीं दिया गया है, इसके लिए भी जनरल हाउस की बैठक का होना जरूरी है।
नहीं हो सकी झींडा से बात
एचएसजीएमसी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा से इस विषय में बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उनका फोन स्विच आफ आया। कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि झींडा लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। इसलिए वे मीटिंग में नहीं आ पाए और इसी कारण वे बात करने की स्थिति में भी नहीं हैं।