हार्दिक ने खोले बचपन के राज, कहा- इसलिए भाई नहीं बना सका दोस्त

भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या इन दिनों आईपीएल में मुंबई के खास सितारे बन चुके हैं. मुंबई की टीम अभी आईपीएल के सीजन 11 में प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए जद्दोजहद कर रही है, लेकिन टीम की हर जीत में हार्दिक का  योगदान जरूर रहा है. हार्दिक आईपीएल में पर्पल कैप की दौड़ में बने हुए हैं और बल्ले से भी तूफानी प्रदर्शन कर रहे हैं. 

वैसे हार्दिक अपनी स्टाइल से भी काफी जाने जाते हैं. उनसे उनके प्रशंसकों को काफी उम्मीद रहती है. जब वे उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करते हैं तो वे और उनकी स्टाइल भी आलोचकों के निशाने पर आ जाते हैं. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर उनके बालों का नया स्टाइल काफी चर्चा में आया था.

हार्दिक बचपन में अपने बालों को कलर कराने के बहुत शौकीन थे और इसके लिए उन्हें अपने कोच और मम्मी से बहाना भी बनाना पड़ता था. उनका यह शौक शुरू से ही था जिसका उन्होंने अब खुलासा किया है. हार्दिक ने आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट एक वीडियो में अपने बचपन की यादों को बयान किया है. 

हार्दिक ने वीडियो में कहा, “मैं शुरू से ही अलग था. 11 साल का था तभी अपने बाल कलर करवा लिए थे. इसके लिए घर पर आकर मम्मी से मार भी खाता था और फिर जाकर कुछ और कराके आता था. बालों को लेकर कोच को उलटे सीधे बहाने बताता था. कोच जब मुझसे पूछते थे कि ये क्या है, तो मैं कहता था कि बाल कटाने गया था तो कलर मेरे ऊपर गिर गया.” 

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दोस्त नहीं बना पाते थे भाई क्रुणाल

24 साल के हार्दिक ने भारत के लिए अब तक छह टेस्ट, 38 वनडे और 30 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं. उन्होंने कहा, “मैं बहुत ज्यादा शैतानी करता था. लोगों से हमेशा झगड़ते रहता था और कभी दोस्त नहीं बनाता था. हम दोनों भाइयों (बड़े भाई क्रुणाल पांड्या) ने हमेशा मम्मी को बहुत परेशान किया. मैंने क्रुणाल को भी बहुत परेशान किया है. मेरे वजह से क्रुणाल के कभी दोस्त नहीं बनते थे क्योंकि मैं अगर झगड़ा करता था तो उसे अपनी दोस्ती तोड़नी पड़ती थी.” 

हरफनमौला खिलाड़ी ने अक्टूबर 2016 में धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में पदार्पण किया था जबकि जनवरी 2016 में एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में उतरे थे. उन्होंने इस वर्ष जनवरी में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अपना पहला टेस्ट खेला था. 

हार्दिक ने कहा, “मैं और क्रुणाल डब्ल्यूडब्ल्यूई फाइट खेलते थे और इस दौरान हमने कई सारे बेड तोड़े हैं. सबसे बड़ी समस्या यह थी कि खेलते-खेलते हम दोनों वास्तव में झगड़ा कर लेते थे. जो एटिट्यूड लोगों में 16-17 साल में आते हैं वह हमारे अंदर 12 साल में ही आ गया था. हालांकि समय के साथ सीखा कि गुस्सा हर चीज का हल नहीं होता है. गुस्से से जीवन में नकारात्मकता आती है. मैं कोशिश करता हूं कि मेरे गुस्से से किसी को दिल न टूटे.” 

 

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