प्लेसमेंट पैकेज में सरकारी संस्थान हैं निजी पर भारी, IIT छात्रों को मिलती है इतनी सैलरी

देश के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की तुलना में सरकारी कॉलेजों के स्नातकों को प्लेसमेंट के दौरान औसतन लगभग 150 फीसदी ज्यादा वेतन मिल रहा है। यही नहीं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के स्नातकों को तो निजी कॉलेजों के स्नातकों की तुलना में 300 फीसदी तक अधिक सालाना पैकेज मिला है। 

इतना आकर्षक वेतन सिर्फ  कंप्यूटर साइंस या इलेक्ट्रिकल के छात्रों को ही नहीं, बल्कि आईआईटी से मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी मिल रहा है। ऐसे छात्रों को निजी कॉलेजों के छात्रों की तुलना में तमाम क्षेत्रों की कंपनियां शुरुआत में 90 फीसदी अधिक वेतन का ऑफर करती हैं। ऑनलाइन कौशल माप समाधान प्रदाता मैटल द्वारा देश के 194 संस्थानों में कराए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
 
आईआईटी का औसत पैकेज 11.11 लाख 

चालू वित्त वर्ष में शीर्ष आईआईटी के छात्रों का औसत सालाना पैकेज 11.11 लाख रुपये रहा, जबकि निजी कॉलेज से निकलने वालों को औसतन 2.8 लाख रुपये का सालाना पैकेज मिला। नए आईआईटी से निकलने वाले छात्रों को 5.8 लाख रुपये और शीर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के छात्रों को औसतन 6 लाख रुपये के सालाना पैकेज की पेशकश की गई है। इनके अलावा, अन्य सरकारी संस्थानों के छात्रों को औसतन 4.7 लाख रुपये सालाना का ऑफर मिला है। 

प्रबंधन में आईआईएम के छात्रों की चांदी 

सर्वेक्षण के मुताबिक, प्रबंधन शिक्षा में निजी प्रबंधन कॉलेजों के छात्रों की तुलना में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे सरकारी संस्थानों के छात्रों को कई गुना ज्यादा सालाना पैकेज मिलता है। शीर्ष आईआईएम के छात्रों को सालाना 20.6 लाख रुपये का उच्चतम औसत वेतन पैकेज मिला, जबकि नए आईआईएम को सालाना 13 लाख रुपये का औसत पैकेज मिला है। वहीं, कुछ शीर्ष निजी प्रबंधन स्कूलों में आईआईएम के करीब 19.6 लाख रुपये के पैकेज की पेशकश की गई। 

नियोक्ता शीर्ष आईआईएम और कुछ शीर्ष सरकारी कॉलेजों से अपने मुख्य अधिकारियों का चयन करते हैं, जिनका पैकेज औसत संस्थानों से स्नातक करने वालों से 118 फीसदी ज्यादा रहता है। 

सीएस, आईटी के छात्रों को शानदार पैकेज 

इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में कंप्यूटर साइंस (सीएस) या सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के छात्रों का औसत सालाना पैकेज 6.9 लाख रुपये रहता है, जबकि सिविल इंजीनियरिंग स्नातक को 3.3 लाख रुपये सालाना वेतन मिलता है। इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 4 लाख रुपये तक का सालाना पैकेज मिल रहा है। 

हालांकि सरकारी संस्थानों के सीएस, आईटी स्नातकों का औसत वेतन 48 फीसदी अधिक है। शीर्ष आईआईटी से निकलने वाले सीएस तथा आईटी के छात्रों को एडोब, अमेजॉन, गूगल, सैमसंग और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां हर साल बेहतर पैकेज देती हैं। इसमें मशीन लर्निंग और डाटा साइंस के स्नातकों को सबसे बेहतर पैकेज मिलता है। 

वेतन में क्षेत्रीय विविधता का भी असर 

सर्वेक्षण में आईआईएम से निकलने वाले स्नातकों के वेतन पैकेज में क्षेत्रीय विविधता भी स्पष्ट थी। उत्तर भारत के कॉलेजों में छात्रों को मिलने वाला औसत वेतन 15 फीसदी अधिक रहा, जबकि इनकी तुलना में पश्चिम भारत के कॉलेजों में 19 फीसदी कम रहा।

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