गोंडा: सरयू के उफान से 15 गांवों में गहराया संकट
सरयू नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से तरबगंज तहसील के 15 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। गांवों में जलभराव से होने से बीमारियां भी बढ़ने लगीं हैं। 458 लोगों के बीमार होने की पुष्टि हुई है। जिनका स्वास्थ्य विभाग ने इलाज किया है। नदी के जलस्तर का बढ़ना जारी है। एल्गिन ब्रिज के पास खतरे के निशान से नदी 58 सेमी तो नवाबगंज के पास सरयू नदी खतरे के निशान से 27 सेमी पार हो गई है। इसी के साथ बाढ़ का दायरा भी बढ़ता जा रहा है।
सरयू नदी में बैराजों से बुधवार को फिर 3.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसका असर बृहस्पतिवार को दिखेगा। फिलहाल खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी के तेवर अब तीखे हो गए हैं। तरबगंज व करनैलगंज तहसील में बाढ़ का खतरा 179 गांवों में बढ़ गया है। अभी तक 15 गांवों के 13646 आबादी बाढ़ से प्रभावित है। वहीं 10,888 पशु भी बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। 150 बाढ़ पीडितों को लंच पैकेट दिया गए हैं और 1204 गोली क्लोरीन की वितरित की गई है। 757 लोगाेंं को ओआरएस का पैकेट भी दिया गया है। बाढ़ के साथ ही बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं। इस पर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को सतर्क किया गया है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने राहत और बचाव कार्य पर जोर दिया है। एनडीआरएफ की एक टीम भी बुला ली गई है। 28 बाढ़ चौकियों के साथ ही 31 बाढ़-शरणालय को सक्रिय किया गया है। वहीं सरयू नदी में जलस्तर बढ़ने से तटबंधाें की सुरक्षा का कार्य भी तेज कर दिया गया है।
गांवों में पहुंचने लगा बाढ़ का पानी, मची खलबली
तरबगंज तहसील के गावों में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है। बेलसर ब्लॉक के परास मझवार, गढी, जबरनगर, ऐली में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। सैकड़ो लोगों के घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। ऐली परसोली के नई बस्ती, रामफेरपुरवा, बिहारीपुरवा, तेलमहन पुरवा पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं और टापू बन चुके हैं। अब इन गांव में नाव ही एकमात्र सहारा है। लोगों के सब्जी व धान की नर्सरी बाढ़ के पानी में डूब गया है। तहसीलदार तरबगंज केशव प्रसाद ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके अलावा ब्यौंदा माझा पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है, यहां के लोग सुरक्षित स्थान खोजने के लिए गांव छोड़कर निकल लिए हैं। प्रधान केशवराम यादव ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। दत्तनगर में भी पाड़ी माझा व बाड़ी में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
बाढ़ से घिरे गांव, फसलें जलमग्न हुईं
करनैलगंज (गोंडा)। सरयू में बढ़ रहे लगातार जलस्तर से अब किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नदी और बांध के बीच हजारों बीघा गन्ना और मक्के की फसल के साथ-साथ परवल, तुरइ, भिंडी की फसल पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। इसी के साथ नदी तेजी से कटान करती हुई बांध की तरफ बढ़ रही है। ग्राम नैपुरा, परसावल, कमियार, तेलवारी, लोढ़मऊ, कमरौली, बेहटा, पारा के साथ अब माझा रायपुर भी पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हैं। हालांकि माझा रायपुर दो बांधों के बीच में बसा गांव है और इस गांव में प्रत्येक वर्ष बाढ़ आती है। जिससे ग्रामीण पहले से ही अपना ठिकाना दूसरे तरफ बना चुके होते हैं।
बिसुही नदी के पानी से भी गांवों में जलभराव
रुपईडीह (गोंडा)। बरसात में बिसुही नदी की उफान से कई गांव जलमग्न हो गए हैं। नदी से नेवलापुर, रनियापुर, वीरपुर भोज, अनंतपुर, भुलईडीह, भुड़कुड़ी, कुरासी, बलहीजोत, इटियाथोक, मुजेहना, मनकापुर, बभनजोत के चार दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतें प्रभावित हैं। अभी गांवों में जलभराव है, लेकिन लगातार बढ़ रही नदी से इन गावों में भी बाढ़ की समस्या बढ़ने की संभावना है।