भारत के लिए भगवान की देन है ब्रह्मोस मिसाइल, छुड़ाएगी दुश्मनों के छक्के

भुवनेश्वर। भारत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के जीवनकाल को 10 से 15 वर्ष तक बढ़ाने के लिए सोमवार को पहला सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने कहा, “मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से पूर्वाह्न् 10.44 बजे मोबाइल लांचर के जरिए किया गया।”भारत के लिए भगवान की देन है ब्रह्मोस मिसाइल, छुड़ाएगी दुश्मनों के छक्के

ब्रह्मोस भारत का ऐसा पहला मिसाइल है, जिसका जीवनकाल 10 से 15 वर्षो तक बढ़ाया गया है। रक्षामंत्री ने ट्वीट किया, “इस सफल परीक्षण से भारतीय सशस्त्र बलों के बेड़े में शामिल मिसाइलों के प्रतिस्थापन लागत में काफी कमी आएगी।”

भारतीय सेना ने पहले ही ब्रह्मोस के तीन रेजिमेंट्स को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। सभी मिसाइल ब्लॉक-3 संस्करण से लैस हैं।मिसाइल की खासियत है कि इस चलाने देने के बाद यह खुद-ब-खुद ऊपर और नीचे की उड़ान भरकर जमीन के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। इस तरह यह दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों से बच निकलती है।

आपको बता दें कि 12 जून, 2001 को ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी 2.8 माक की गति से हमला करने में सक्षम है।

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