तरबूज से प्रोफेसर ने की लड़कियों की देह की तुलना, शेयर की तस्वीर

छात्राओं को लेकर केरल में एक प्रोफेसर के आपत्तिजनक बयान देने के बाद दूसरे दिन भी लड़कियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। उस प्रोफेसर ने लड़कियों के स्तनों की तुलना तरबूज के टुकड़े से की थी। एक वीडियो सामने आया था कि जिसमें केरल के कोझिकोड स्थित फारूक कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जौहर मुनव्विर महिलाओं के कपड़ों की अलोचना कर रहे थे।

वीडियो में प्रोफेसर कह रहे हैं, ”लड़कियां खुद को पूरी तरह नहीं ढकतीं। वो पर्दा करती हैं, लेकिन पैर दिखते रहते हैं। जरा सोचिए, यही आजकल की स्टाइल है।” प्रोफेसर जौहर मुनव्विर ने वीडियो में यह भी कहा, ”लड़कियां सिर्फ स्कार्फ से अपना सिर ढक लेती हैं और अपना सीना दिखाती हैं। सीना महिलाओं के शरीर का ऐसा हिस्सा है जो पुरुषों को आकर्षित करता है। ये एक तरबूज के टुकड़े की तरह है, पता चलता है कि फल कितना पका हुआ है।”

वीडियो वायरल होने पर विरोध

इस वीडियो के वायरल होने के बाद वामपंथी और दक्षिणपंथी छात्र यूनियनों ने कोझिकोड में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के संयुक्त सचिव निखिल पी ने बीबीसी से कहा, ”यह सिर्फ मुस्लिम छात्राओं का सवाल नहीं है। यह सभी महिलाओं के खिलाफ है। केरल जैसे राज्य में ऐसे बयान सहन नहीं किए जा सकते।”

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प्रोफेसर के बयान का सोशल मीडिया पर भी जबर्दस्त विरोध हुआ। दो लड़कियों ने फेसबुक पर अपनी अर्धनग्न तस्वीर पोस्ट करके विरोध जताया। इस पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और नग्नता के आधार पर फेसबुक ने वो तस्वीरें हटा दीं। फेसबुक पर सबसे पहले अपनी तस्वीर पोस्ट करने वालीं आरती एस।ए ने बीबीसी से कहा, ”मैंने अपनी अर्धनग्न तस्वीर इसलिए डाली थी क्योंकि इंसानी शरीर को जरूरत से ज्यादा सेक्सुअलाइज किया जाता है। अगर कोई मर्द अपने शरीर के उसी अंग को दिखाए तो ये बड़ी बात नहीं होती, लेकिन महिलाओं को अपने शरीर को लेकर अति सजग रखा जाता है।”

आरती ने कहा, ”अगर आप साड़ी पहनती हैं, तो आप हर वक्त परेशान रहती हैं, क्योंकि आपके शरीर का कोई हिस्सा नहीं दिखना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो लोगों को आपत्ति होने लगती हैं। अगर हम कुछ उठाने के लिए झुकते हैं तो हमेशा ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं हमारी क्लीवेज न दिख जाए। इसी तरह हम परेशान रहते हैं कि कहीं ब्रा की स्ट्रिप ने दिख जाए।”

आरती के साथ मोरल पुलिसिंग

फातिमा रेहाना ने भी फेसबुक पर अपनी तस्वीर डाली थी। आरती और रेहाना की तस्वीरों पर बेहद अभद्र प्रतिक्रिया आई थी जैसा कि सोशल मीडिया पर लोगों का स्वभाव रहा है। लेकिन, पिछले साल हुई एक घटना के बाद आरती को इसकी कोई चिंता नहीं है।

पिछले साल आरती और उनके एक दोस्त को पुलिस ने इसलिए टोक दिया था क्योंकि दोनों बेंच पर बैठे थे और उनके दोस्त ने अपना सिर आरती के कंधे पर रखा हुआ था। आरती कहती हैं कि वो मोरल पुलिसिंग कर रहे थे।

अपने विरोध को लेकर जहां आरती को समर्थन मिला तो वहीं कई लोगों ने उनका विरोध भी किया। वो बताती हैं, ”एक तरफ मुझे वेश्या कहकर अपमानित किया गया तो दूसरी तरफ कई लोगों को विरोध करने का मेरा तरीका बहुत अच्छा भी लगा।” रेहाना फातिमा कहती हैं, ”एक शिक्षक होते हुए उन्हें लड़कियों को लेकर ऐसे अपमानजनक बात नहीं कहनी चाहिए थी। ये मेरा शरीर है, मेरा अधिकार है। वह महिलाओं के साथ एक वस्तु की तरह व्यवहार कर रहे हैं।” हालांकि, असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित करने की छात्र-छात्राओं की मांग के बावजूद भी कॉलेज प्रशासन ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। कॉलेज के प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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