कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने लौटाया पद्म विभूषण

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने ‘भारत सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात’ करने का आरोप लगाते हुए किसान आंदोलन के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है।

बता दे कि एक हफ्ते से किसान केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पास ​कराए गए तीन किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में आंदोलन कर रही है। इसी के समर्थन में अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने नए कृषि कानूनों का विरोध जताते हुए ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार वापस किया।

बता दें तीन कृषि कानूनों के विरोध में संसद के मानसून सत्र के दौरान ही अकाली दल के हिस्से से काबीना मंत्री रहीं हरसिमरत कौर ने भी इस्तीफा दे दिया था और शिअद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो गई थी।

बता दें किसान और सरकार के बीच बातचीत जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मीटिंग की शुरुआत में ही किसानों ने MSP की गारंटी के लिए कानून बनाने की शर्त रख दी है। बैठक में किसानों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं।

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सूत्रों के अनुसार किसानों की मांगों पर आज केंद्र सरकार लचीला रूख अपना सकती है। एमएसपी पर किसानों की मांग पर आज किसानों के सामने लिखित में भरोसा दिया जा सकता है कि एमएसपी से छेड़छाड़ नही किया जाएगा। साथ ही कॉंट्रैक्ट फार्मिंग वाले कानून में कारपोरेट-किसान में विवाद होने पर एसडीएम के साथ साथ सिविल कोर्ट का विकल्प देने पर विचार पर आश्वासन दिया जा सकता है।

किसानों के पांच मांगे क्या है?

किसानों पांच मांगों के साथ सरकार के सामने गए हैं। किसानों की सबसे पहली मांग है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। साथ ही इस बैठक में किसानों की ओर से यह भी कहा जाएगा कि केंद्र द्वारा कमेटी की पेशकश को मंजूर नहीं किया जाएगा।

किसानों की मांग है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP हमेशा लागू रहे और 21 फसलों को इसका लाभ मिले, फिलहाल किसानों को सिर्फ गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है। किसानों की मांग है कि अगर कोई कृषक आत्महत्या कर लेता है तो उसके परिवार को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिले।

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