पहली भारतीय जिमनास्ट जिसने विश्व कप में किया ये बड़ा धमाल…

हैदराबाद की अरुणा बुद्धा रेड्डी ने इतिहास रच दिया। वह जिमनास्टिक विश्व कप में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट बन गईं। उन्होंने यहां महिलाओं की वॉल्ट स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया।

22 साल की इस जिमनास्ट ने यहां हिसेंसे अरीना में 13.649 अंक से कांस्य पदक जीता। स्लोवानिया की जासा कैस्लेफ ने 13.800 अंक के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि ऑस्ट्रेलिया की एमिली वाइटहेड ने 13.699 अंक के साथ रजत पदक पर कब्जा जमाया।

फाइनल दौर में पहुंची एक अन्य भारतीय प्रणति नायक 13.416 अंक के साथ छठे स्थान पर रहीं। जिमनास्टिक में एक साल में कई विश्व कप प्रतियोगिताएं होती हैं और वे विश्व चैंपियनशिप के बाद दूसरे दर्जे पर मानी जाती हैं। भारतीय जिमनास्टिक संघ के एक गुट के सचिव शांति कुमार सिंह ने कहा, ‘अरुणा अब विश्व कप में पदक जीतने वाली पहली और एकमात्र भारतीय बन गई हैं। हमें उन पर गर्व है।

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दीपा करमाकर 2016 रियो ओलिंपिक की महिला वॉल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं थीं। उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप और 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीते हैं, लेकिन वह विश्व कप स्तर पर कोई पदक नहीं जीत सकीं थीं। यह अरुणा का पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है। हालांकि वह 2013 विश्व आर्टिस्टिक जिमनास्टिक चैंपियनशिप, 2014 राष्ट्रमंडल खेल और 2014 एशियाई खेल और 2017 एशियाई चैंपियनशिप में भाग ले चुकीं हैं।

इस उपलब्धि से पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2017 एशियाई चैंपियनशिप की वॉल्ट स्पर्धा में छठा स्थान था। अन्य सभी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में वह क्वालीफिकेशन चरण से आगे नहीं जा सकी थीं। अरुणा रविवार को होने वाले फ्लोर स्पर्धा के फाइनल दौर में पहुंच गई हैं। अन्य स्पर्धाओं में राकेश पात्रा पुरुष रिंग स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे। वह रविवार को पैरलल बार स्पर्धा के फाइनल दौर में भी शामिल हैं। 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल और 2014 एशियाई खेल के कांस्य पदक विजेता आशीष कुमार रविवार को पुरुष वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल दौर में होंगे। वह क्वालीफिकेशन दौर में छठे स्थान पर रहे थे। इस साल विश्व कप सीरीज स्पर्धा में 16 देश भाग ले रहे हैं।

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