उत्तराखंड के जंगलों में आग का कहर जारी, तीन बच्चों की जिंदा जलकर हुई मौत
जिले के जंगलों में लगी आग अब जानलेवा साबित हो रही है। मंगलवार को मोरी ब्लाक के सुदूरवर्ती भंक्वाड़ गांव के जंगल में लगी आग से गिरे पेड़ की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो गई और एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलते ही आसपास के गांवों से लोग और स्थानीय प्रशासन मौके के लिए रवाना हो गया है।
भंक्वाड़ गांव के जयपाल सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम करीब छह बजे गांव से करीब तीन किमी दूर तेज हवा के बीच जंगल की आग से जलता चीड़ का पेड़ गूजरों के डेरे पर जा गिरा। डेरे में मौजूद बड़े लोगों ने तो किसी तरह भागकर जान बचाई, लेकिन सुलेमान की बेटी कमिया (3), बेटा यासीन (7) तथा उमरदीन के बेटे मौहम्मद जैद (3) एवं जावेद (1) डेरे के भीतर ही दब गए। इस दौरान जलते पेड़ से डेरे ने भी आग पकड़ ली। ग्रामीणों ने भारी मशक्कत कर डेरे में दबे बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक कमिया, मौहम्मद जैद और जावेद की मौत हो गई थी, जबकि यासीन गंभीर रूप से घायल हो गया।
हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए हैं। प्रशासन की राहत एवं बचाव टीम भी गांव के लिए निकल गई है। मौके पर पहुंचे निकटवर्ती कुकरेड़ा गांव के प्रधान चतर सिंह रावत ने बताया कि तेज हवाओं के कारण जंगल की आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। फिर भी ग्रामीण अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल क्षेत्र में अन्य गूजरों के डेरों तक आग पहुंचने से रोक दी गई है। इधर, मंगलवार शाम को चले तेज अंधड़ में मोरी-सांकरी मोटर मार्ग पर चीड़ का एक पेड़ गिरने से एक स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई। आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह भाग कर जान बचाई।