खोज ही निकाला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में अंतर, यहां जानें…

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) दो बेहद प्रचलित शब्‍द हैं. इनका इस्‍तेमाल आजकल एक दूसरे के समानार्थी के रूप में होता है. इसकी वजह से कई बार भ्रम की स्थिति उत्‍पन्‍न होती है. हालांकि सच्‍चाई यह है कि इन दोनों के ही मायने एकदम अलग है.

खोज ही निकाला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में अंतर, यहां जानें...

आर्टिफिशियल इटेंलीजेंस
इस संकल्‍पना का आशय मोटेतौर पर मशीनों के स्‍मार्ट तरीके से काम करने से है. यानी मशीनों को इतना दक्ष बनाया जाए कि वह स्‍मार्ट तरीके से अपने दायित्‍वों का निर्वहन कर सकें.

मशीन लर्निंग
इसको एक तरह से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को करंट एप्‍लीकेशन के रूप में समझा जाना चाहिए. यानी एक ऐसा विचार जिसके माध्‍यम से मशीनों तक डाटा को पहुंचाया जाए और वे खुद ही इस तरह सीख सकें.

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की संकल्‍पना बहुत पुरानी है. ग्रीक मिथकों में ‘मैकेनिकल मेन’ की अवधारणा से संबंधित कहानियां मिलती हैं. यानी एक ऐसा व्‍यक्ति जो हमारे किसी व्‍यवहार की नकल करता है. प्रारंभिक यूरोपीय कंप्‍यूटरों को ‘लॉजिकल मशीन’ की तरह डिजाइन किया गया था. यानी उनमें बेसिक गणित, मेमोरी जैसी क्षमताएं विकसित कर इनका मैकेनिकल मस्तिष्‍क के रूप में इस्‍तेमाल से था. जिस तरह से हमारा मस्तिष्‍क काम करता है, उस तरह से इस टेक्‍नोलॉजी को भी डेवलप करना मकसद था. लेकिन जिस तरह से कैलकुलेशंस जटिल होते होते गए, उसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की संकल्‍पना भी बदलती गई. यानी इसके तहत इनको मानव व्‍यवहार की तरह डेवलप करने की कोशिश की गई ताकि ये अधिकाधिक इस तरह से इंसानी कामों को करने में सक्षम हो सकें, जिस तरह से आमतौर पर इंसान काम करने में समक्ष होता है.

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