डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानि शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी चौथी चरण की घोषणाएं कर रही हैं।
सीतारमण की ओर से बुधवार से लगातार रोज शाम 4 बजे मीडिया के सामने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों, सेक्टर्स एवं उद्योगों के लिए किए जा रहे उपायों की घोषणा की जा रही है।
वित्त मंत्री ने अब तक की तीन किस्तों में किसानों, पशुपालकों, MSME सेक्टर, प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और अन्य तबके के लिए कई तरह की राहत उपायों की घोषणा की है।
कोयला, मिनरल्स, डिफेंस प्रोडक्शन, एयरस्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट, MRO, केंद्रशासित प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियां, स्पेस, एटोमिक एनर्जी जैसे आठ सेक्टर्स पर बात करेंगी वित्त मंत्री। जानिए उनकी आज की बड़ी घोषणा…
- समयबद्ध रक्षा खरीद के लिए सरकार कदम उठाएगी। इसके साथ ही ट्रायल और टेस्टिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाया जाएगा।
- ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का निगमीकरण उनके कामकाज में सुधार के लिए किया जाएगा। कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा।
- रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ बिल्कुल अपरिहार्य है। सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट अधिसूचित करेगी, जिनके आयात को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
- इस लिस्ट में शामिल हथियारों एवं प्लेटफॉर्म को देश से खरीदा जाएगा। इससे रक्षा उत्पादों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी।
- सरकार ऑर्डिनेंस फैक्टरी की स्वायत्ता, जवाबदेही और क्षमता को बेहतर बनाने के लिए ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कॉरपोरेटाइजेशन बोर्ड का निजीकरण नहीं बल्कि कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा।
- वित्त मंत्री ने कहा कि मिनरल माइनिंग में निजी निवेश बढ़ाएंगे। मिनरल में एक्सप्लोरेशन माइनिंग प्रॉडक्शन सिस्टम लाएंगे।
- नई व्यवस्था में 500 माइनिंग ब्लॉक्स उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें भी 50000 करोड़ का खर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होगा। उन्होंने कहा कि बॉक्साइट और कोयला का ज्वाइंट ऑक्शन होगा। इससे खनन में वृद्धि होगी और रोजगार सृजन होगा।
- लगभग 50 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए नियमों में ढील दी जाएगी। कोयला से गैस बनाने के लिए नए आवंटन किए जाएंगे और उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- कोल सेक्टर के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- कोयला क्षेत्र- कोयला उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कोयला के आयात में कमी लाने की जरूरत है।
- सरकार राजस्व साझा करने के तंत्र के आधार पर कोयला सेक्टर में प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाएगी। सरकार कोयला क्षेत्र पर से सरकार की मोनोपोली को खत्म करेगी
- वित्त मंत्री ने कहा कि कहा की ईजीएस के जरिए निवेश को जल्द मंजूरी देंगे। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है।
- उन्होंने कहा कि 5 लाख हेक्टर में फैले इंडस्ट्रीयल पार्कों की जानकारी आईआईएस पर मिलेगी। इस भूमि की जीपीएस मैपिंग होगी। इससे जमीन कि उपलब्धता के मामले में सरलता होगी। प्रतेक मंत्रालय में प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट सेल बनेगा।
- आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश की गति बढ़ाने को नीतिगत सुधार किये गए हैं। सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह के जरिए निवेश को मंजूरी दिए जाने की गति को तेज किया गया है।
- नए निवेश को आकर्षित करने को राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए रैकिंग सिस्टम।
- वित्त मंत्री ने कहा कि कई सेक्टर्स को आसान पॉलिसीज की जरूरत है। बैंकों पर किसी खास को लोन देने का दबाव नहीं है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि हमें कठिन कॉम्पिटिशन के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि सिस्टम से जुड़े बड़े सुधार हमने किए हैं। जिसमे जीएसटी, आईबीसी, इज ऑफ डूइंग बिजनेस से जुड़े सुधार, पावर सेक्टर से जुड़े सुधार, टैक्स सिस्टम से जुड़े सुधार आदि शामिल हैं।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने संबोधन की शुरुआत में सप्लाई चेन की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किस तरह मददगार साबित हो रहा है।