यूरोपीय देशों में बढ़ेंगे इस्कॉन केंद्र, अंतरराष्ट्रीय साधु सम्मेलन में लगी मुहर

कानपुर। इस्कॉन अपने केंद्रों को यूरोपीय देशों में बढ़ाने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय साधु सम्मेलन में शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान तय किया गया कि फ्रांस, आयरलैंड, डेनमार्क व बुल्गारिया समेत अन्य यूरोपीय देशों में इस्कॉन केंद्र बढ़ाए जाएंगे। इनमें से कई देशों में इक्का दुक्का केंद्र हैं। 

फिनलैंड, नॉर्वे, बुल्गारिया, अजरबैजान, मैसेडोनिया, स्कॉटलैंड व आयरलैंड देशों में महज एक- एक केंद्र ही है। इसके अलावा बेलारूस, डेनमार्क व फ्रांस में दो-दो केंद्र हैं। विश्व शाति स्थापित करने के लिए हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इन देशों में भक्तों को बढ़ाया जाएगा। भक्त हरे कृष्ण कीर्तन करने के साथ श्रीमद्भागवत गीता यथारूप का वितरण कर कृष्ण भक्ति का प्रचार करते हुए दुनिया में शाति की स्थापना करेंगे। हरे कृष्ण महामंत्र यूरोप के नागरिकों को उनकी समस्याएं हल करने में मदद करेगा। 

प्रभु का अभिषेक करके वर्षगांठ मनाई
दशहरे के दिन इस्कॉन मंदिर की वर्षगांठ बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई। इस दौरान श्री श्री गौर नितई, श्री राधा माधव ललिता विशाखा व श्री श्री जानकी जानकी-वल्लभ लक्ष्मण हनुमान का अभिषेक किया गया। उत्सव में एक हजार से अधिक भक्तों ने भाग लिया। समारोह में लोकनाथ स्वामी व कनाडा से आए भक्तिमार्ग स्वामी के सानिध्य में विशाल कीर्तन हुआ। भक्ति चारु स्वामी ने रामकथा का वर्णन किया। 

25 कृष्ण भक्तों ने प्राप्त की दीक्षा
इस्कॉन की वर्षगांठ पर दीक्षा समारोह भी हुआ। इस दौरान 25 कृष्ण भक्तों को भक्ति चारू स्वामी महाराज ने दीक्षा दी। दीक्षा प्राप्त करने वाले भक्तों में आइआइटी व आइआइएम के अलावा दुनियाभर के शीर्ष विश्वविद्यालयों से आए युवा शामिल रहे। 

40 वर्षो से कर रहे हैं कृष्ण भक्ति का प्रचार
उत्तर व दक्षिण कोरिया के जनरल बॉडी काउंसिल के सदस्य भक्ति पुरुषोत्तम स्वामी 40 वर्षो से कृष्ण भक्ति का प्रचार कर रहे हैं। वह 1978 में मायापुर इस्कॉन से जुडे़ थे। अब वह पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बाग्लादेश, बिहार, झारखंड, नेपाल, सिक्किम, असम, अंडमान-निकोबारद्वीप समूह, भूटान व मेघालय में हरे कृष्णा कीर्तन व भगवत गीता यथारूप के जरिए कृष्ण भक्ति का प्रचार कर रहे हैं।

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