स्टार्ट-अप में एंजल निवेशकों को आयकर से छूट, होंगे ये नियम लागू

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने शनिवार को एंजल निवेशकों को स्टार्ट-अप कंपनियों में अपने निवेश पर आयकर से छूट दे दी है। यह छूट इस वर्ष 11 अप्रैल से प्रभावी होगी। हालांकि कर में छूट औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) द्वारा पिछले महीने जारी कुछ विशेष शर्तो के साथ होगी। इनमें डीआइपीपी ने कहा था कि एंजल निवेशकों द्वारा निवेश के बाद स्टार्ट-अप की शेयर पूंजी और शेयर प्रीमियम 10 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।स्टार्ट-अप में एंजल निवेशकों को आयकर से छूट, होंगे ये नियम लागू

डीआइपीपी ने अपनी शर्तो में यह भी कहा था कि स्टार्ट-अप कंपनियों में शेयर खरीदने को इच्छुक एंजल निवेशकों को पूर्व निर्धारित कसौटियों पर खरा उतरना होगा। इसके साथ ही मर्चेट बैंकर से एक रिपोर्ट लेनी होगी जिसमें आयकर कानूनों के हिसाब से उनके शेयरों की वाजिब कीमत का जिक्र होगा। आयकर विभाग ने बीते गुरुवार को एक अधिसूचना जारी की थी। यह अधिसूचना विभाग द्वारा जून 2016 में इस दिशा में जारी एक अधिसूचना की जगह लेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में ‘अकाउंटेंट’ शब्द हटाते हुए एंजल निवेशकों द्वारा निवेश के तहत लिए शेयरों का उचित बाजार मूल्य तय करने के लिए ‘मर्चेट बैंकर’ की इजाजत अनिवार्य कर दी।

नांगिया एंड कंपनी के पार्टनर अमित अग्रवाल ने कहा कि अधिसूचना के मुताबिक मर्चेट बैंकर से वैल्यूएशन हासिल और सरकार द्वारा अनुमोदित स्टार्ट-अप में निवेश करने वाले एंजल निवेशकों से एंजल टैक्स नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह अधिसूचना स्वागत योग्य कदम है। इससे स्टार्ट-अप में एंजल निवेश से जुड़ा भय भी खत्म किया गया है और उस पर लगने वाले टैक्स पर ऊहापोह की स्थिति भी खत्म हो गई है। इस फैसले से न केवल स्टार्ट-अप के शुरुआती दिनों में पूंजी लगाने वाले निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि यह सभी निवेशकों के लिए बराबरी के मौके भी मुहैया कराएगा।’

वाणिज्य और उद्योग मंत्रलय ने 11 अप्रैल को कहा था कि स्टार्ट-अप कंपनियां आयकर कानून की धारा 56 के तहत टैक्स में छूट की मांग कर सकती हैं। अधिसूचना के मुताबिक स्टार्ट-अप में निवेश करने वाले कम से कम दो करोड़ रुपये नेटवर्थ या पिछले तीन वित्त वर्षो में 25 लाख से ज्यादा आय हासिल करने वाले एंजल निवेशक अपने निवेश से हासिल आय पर 100 फीसद छूट के हकदार होंगे।

गौरतलब है कि कई स्टार्ट-अप कंपनियां एंजल निवेशकों को उनके निवेश से हासिल आय पर आयकर विभाग की नजर से चिंता जाहिर कर चुकी हैं। आयकर विभाग ने कम से कम 18 स्टार्ट-अप कंपनियों को एंजल फंडिंग के मामले में आयकर नोटिस भेज चुका है। आयकर विभाग के प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई स्टार्ट-अप कंपनी अपने वाजिब बाजार मूल्य से ज्यादा मूल्य पर शेयरों का आवंटन करती है, तो उस ज्यादा मूल्य पर कंपनी को टैक्स देना होगा।

अप्रैल, 2016 से पहले गठित स्टार्ट-अप कंपनियां आयकर कानून की धारा 56 के तहत टैक्स में छूट मांग सकती हैं। लेकिन लगातार तीन वर्षो तक टैक्स छूट की मांग पहली अप्रैल, 2016 के बाद और अप्रैल, 2021 से पहले गठित स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए ही मान्य होगी। गौरतलब है कि एंजल निवेशक वैसे निवेशक होते हैं, जो स्टार्ट-अप शुरू होने के दिनों में ही उनमें निवेश करते हैं। निवेश की यह रकम 15 लाख रुपये से चार करोड़ रुपये के बीच होती है। अमूमन 300-400 स्टार्ट-अप कंपनियों में हर वर्ष एंजल निवेश हो रहा है।

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