चुनाव आयोग ने लाॅन्च की न्यू जेनरेशन ईवीएम, अब नहीं हो पाएगी कोई छेड़छाड़

लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के दौरान ईवीएम को लेकर सुर्खियों में रहा चुनाव आयोग मतदान में पारदर्शिता लाने के लिए अब कर्नाटक चुनाव के लिए न्यू जेनरेशन ईवीएम लेकर आ रहा है। चुनाव आयोग का दावा है कि ये ईवीएम मशीन टेंपरिंग प्रूफ है इसे मार्क 3 नाम दिया गया है। यह ईवीएम में एक चिप लगी है जिसमें एक ही बार साॅफ्टवेयर कोड लिखा जा सकेगा। यहां तक की अगर कोई इससे छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो यह मशीन खुद की शटडाउन हो जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिली भारी जीत के बाद चुनाव आयोग और ईवीएम दोनों पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने उस वक्त भी कहा था कि ईवीएम सेफ है और कोई इसे हैक नहीं कर सकता है। इसके लिए ‘हैकाथाॅन’ कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था लेकिन आरोप लगाने वाली किसी पार्टी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। 

बुरी खबर: इस बड़ी वजह से अब भारत में नहीं होगा IPL

यहां बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी ने मशीनों के साथ छेड़-छाड़ की है। कोई भी बटन दबाने पर वोट भाजपा के खाते में ही जा रहा है। हालांकि आरोप लगाने वाली पार्टियों ने खुद की जीत पर ईवीएम को सही बताया था। अब चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव से पहले ईवीएम का नया वर्जन लाॅन्च किया है। इस मशीन को पूरी तरह से सुरक्षित माना गया है। आयोग की तरफ से कहा गया कि अगर कोई इसे खोलने की कोशिश करता है तो यह आॅटोमैटिकली शटडाउन हो जाएगा।   इस ईवीएम की चीप का दोबारा रिप्रोग्राम नहीं किया जा सकता है।  इंटरनेट या किसी नेटवर्क से इस ईवीएम को लिंक नहीं किया जा सकता है।  ट्रायल के तौर पर कर्नाटक चुनाव में 1800 सेंटरों पर नए ईवीएम का इस्तेेमाल होगा।  2019 आम चुनाव में हर सेंटर पर इसे इस्ते्माल करने की योजना है। आपको बता दें कि 1977 में ईवीएम का विचार आया था, वहीं नवंबर 1998 में मध्यम प्रदेश, राजस्थान और नई दिल्ली के कुछ सेंटरों पर ईवीएम का पहली बार इस्तेमाल हुआ था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button