लिहाजा सोमवार को गांव में बारात पहुंची। सुबह करीब 11 बजे जस्सुवाला ब्लॉक विकास नगर देहरादून से बारात गांव पहुंची। जिसमें दूल्हा संदीप पुत्र हरपाल, ससुर हरपाल, दादा जयप्रकाश, भाई अंकुश, फूफा सुशील, मामा सुखबी और गांव के दो अन्य लोग शामिल थे। बारातियों के खाने पीने के अच्छे इंतजाम सहित विवाह की सभी रस्में आयोजित की गई। शाम पांच बजे हुई विदाई के समय समूचे गांव और वहां पहुंचे लोगों के आंखों में आसूं उमड़ रहे थे। हर कोई नम आंखों से बिटिया को दिल से आशीर्वाद और दुआ दे रहा था। दुखों के इस पहाड़ के बीच लोगों को इस बात का सुकून था कि कहीं न कहीं उन्होंने मां-बाप की जिम्मेदारी पूरी कर लड़की को उसके घर के लिए विदा कर दिया।
इस दौरान मानसी के मामा नरेश सैनी, रमेश सैनी निवासी बंजारेवाला अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे। परिवार के मुअज्जिज लोग इलमचंद, रणबीर, राजेंद्र, विनोद, तेल्लूराम, सोनू, संजय आदि ने भी सभी रस्में पूरी कराने में सहयोग दिया। इस दौरान बिटिया को आशीर्वाद देने के लिए पूर्व मंत्री राम सिंह सैनी, लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष सैनी, यूकेडी के राजकुमार सैनी अनेक गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। विवाह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस भी मौजूद रही।
बाबुल के दिए जेवर को बिटिया ने पहना तो मानो आसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। गम और खुशी के माहौल में बिटिया के साथ रिश्तेदारों के अलावा समूचा गांव खड़ा था। ग्रामीणों ने बताया कि राजसिंह ने अपनी बेटिया का दहेज का सामान पहले ही ससुराल भिजवा दिया था। जेवर आदि की भी खरीदारी कर ली थी। सोमवार को शादी के समय जब मानसी ने बाबुल के दिए जेबरों को पहना था तो आसूंओं की बाढ़ सी आ गई। जब विदाई हुई तो भाई अजय के गले से लगकर जीभरकर रोई। ताऊ सतपाल और अन्य रिश्तेदारों से विदाई लेते समय मानसी के दुखों का कोई पारावार नहीं दिखाई पड़ रहा था। विदाई के समय हर किसी की आंखों में आसूं थे।