वक्फ बिल पर जल्दबाजी में रिपोर्ट दाखिल न करे जेपीसी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के रुख पर अपनी आपत्तियां व्यक्त की हैं और समिति से सभी पक्षकारों को धैर्यपूर्वक सुनने का अनुरोध किया है। बोर्ड ने कहा कि वह अपने निहित उद्देश्यों के लिए प्रक्रिया में जल्दबाजी न करे और न ही जल्दबाजी में अपनी रिपोर्ट दाखिल करे।

एक विस्तृत बयान में पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता डा. एसक्यूआर इल्यास ने दावा किया कि वक्फ विधेयक की पड़ताल में जेपीसी नियमों का उल्लंघन कर रही है और स्थापित मुस्लिम संगठनों को प्रस्तुति के अवसर से वंचित करने के लिए तिथियों को भी बदला जा रहा है। बोर्ड ने कहा कि जेपीसी को सिर्फ प्रासंगिक व्यक्तियों या संगठनों से सुझाव या राय लेनी चाहिए जो वक्फ से सीधे जुड़े हुए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वह केंद्रीय मंत्रालयों, एएसआइ, आरएसएस समर्थित संगठनों से राय ले रही है।

बोर्ड ने आगे कहा कि जब वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को संसद में प्रस्तुत किया गया तो काफी विरोध हुआ था, इसी कारण इसे जेपीसी के पास भेजा गया। इसीलिए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड एवं भरोसेमंद मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और ऐसे लोगों व संगठनों से बचा जाना चाहिए जो वक्फ के मामलों से किसी तरह नहीं जुड़े हैं।

जेपीसी में कितने सदस्य हैं?

कई हितधारकों ने पहले से ही जेपीसी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए अनुमति मांगी है, उन्हें बुलाने की तारीख भी तय की जा सकती है। जेपीसी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों समेत कुल 31 सदस्य हैं।

पिछली बैठक में टीएमसी नेता ने तोड़ी थी बोतल

बता दें कि इससे पहले 22 अक्टूबर को हुई पिछली बैठक में भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बीच गरमागरम बहस हुई थी।

बैठक में कल्याण बनर्जी ने कथित तौर पर गुस्से में कांच की बोतल फेंक दी थी। बोतल फेंकने की वजह से उनके हाथ में चोट लग गई। जानकारी के मुताबिक, उनके हाथों में चार टांके लगे। इसके बाद कल्याण बनर्जी को एक दिन के लिए बैठक से निष्कासित कर दिया गया था।

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