राघोपुर मामले में तेजस्वी को बदनाम करने की चल रही है साजिश: जीतनराम मांझी

पटना। बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर में दलितों का घर जलाये जाने के मामले ने सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है। आरोप-प्रत्‍यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री सह हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि दलित हित का ढोंग करने वाली नीतीश-मोदी की सरकार को बताना चाहिए कि आखिर उनके राज में क्या हो रहा है। एक तरफ जहां बढ़ते अपराध से जनता त्रस्त है वहीं दूसरी तरफ दलितों पर भी सत्ता की शह पर सामंती शक्तियां अत्याचार कर रही हैं।राघोपुर मामले में तेजस्वी को बदनाम करने की चल रही है साजिश: जीतनराम मांझी

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कार्रवाई करने की जगह विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगा रही है। वास्तविकता यह है कि घटना में भाजपा के कार्यकर्ता शामिल थे। सरकार को आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई कर स्पीडी ट्रायल करवा कर सजा दिलानी चाहिए थी, पर आरोपियों को थाना से ही छोड़ दिया गया। नीतीश जी बताएं कि आखिर यह कैसा न्याय है और कैसा दलित प्रेम है जिसमें दलितों के लिए खुली हवा में सांस तक लेने की इजाजत नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अनामिका पासवान के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम मंगलवार को वैशाली जाकर पूरे मामले की जांच करेगी। जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के एक घर में आग लगा दी थी। आग की लपटों ने कई घरों को अपने आगोश में ले लिया था। इस घटना में लगभग 10 लाख की संपत्ति के नुकसान की बात कही जा रही है। सभी पीडि़त दलित समुदाय के बताये जा रहे हैं।

घटना के संबंध में एक पक्ष के बिंदेश्वर पासवान ने बताया कि पिछले सात वर्षों से सिकिल राय से उसका भूमि विवाद चल रहा था। भूमि विवाद का केस लगभग फाइनल होने वाला है। सोमवार को उसी केस की तारीख के लिए चंद्र विजय पासवान हाजीपुर गए थे जहां मोतीलाल राय से कहासुनी हो गई। उसी बात को लेकर दूसरे पक्ष के लोग आक्रोश में आ गए। आगजनी की इस घटना के बाद सभी पीडि़त परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। किसी के पास कुछ नहीं बचा।

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