संचार साथी ऐप लॉन्च

संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को संचार साथी ऐप लॉन्च किया। इस ऐप की मदद से कोई भी ग्राहक मोबाइल फोन की चोरी से लेकर साइबर ठगी तक की शिकायत अपने मोबाइल फोन से कर सकेगा। सिर्फ उसे संचार साथी ऐप को डाउनलोड करना होगा। संचार साथी ऐप को गूगल प्ले और एपल ऐप स्टोर दोनों जगहों से डाउनलोड किया जा सकता है।

इस ऐप की मदद से ग्राहक अपने नाम पर जारी मोबाइल कनेक्शन की जानकारी भी ले सकेगा। कई बार ग्राहकों को यह पता नहीं होता है कि उनके नाम पर कितने मोबाइल फोन कनेक्शन चल रहे हैं। इस सुविधा से अनधिकृत मोबाइल कनेक्शन पर रोक लगेगी। ऐप की मदद से मोबाइल हैंडसेट की प्रमाणिकता आसानी से जांची जा सकती है। ऐप का उपयोग करके संदिग्ध काल और एसएमएस की भी शिकायत कर सकेंगे।

राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 भी हुआ लॉन्च
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप के साथ राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि मिशन 2.0 का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर 100 ग्रामीण परिवारों में से कम से कम 60 को ब्रॉडबैंड संपर्कता की सुविधा मिल सके।
इस मिशन से तहत वर्ष 2030 तक 2.70 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल संपर्कता का विस्तार करना और ग्रामीण इलाके के सभी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी केंद्र और पंचायत कार्यालयों जैसे 90 प्रतिशत संस्थाओं को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

ग्रामीण इलाके में भी 100 एमबीपीएस की इंटरनेट स्पीड हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि ग्रामीण भारत में मजबूत डिजिटल बुनियादी सुविधा तैयार हो सके।

5जी और 6जी सेवा के लिए 687MHz स्पेक्ट्रम रिफार्मिंग को मंजूरी
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में बताया कि वर्ष 2030 तक 5जी सेवा के विस्तार व 6जी सेवा की शुरुआत आदि को देखते हुए 2000MHz स्पेक्ट्रम की आवश्यकता होगी जबकि अभी देश में 1100MHz स्पेक्ट्रम उपलब्ध है। इसे देखते हुए कैबिनेट ने 687 मेगाह‌र्त्ज स्पेक्ट्रम की रिफार्मिंग की मंजूरी दी है।
यह रिफार्मिंग विभिन्न सरकारी मंत्रालयों के पास उपलब्ध स्पेक्ट्रम से की जाएगी। इन 687MHz स्पेक्ट्रम में से 328MHz स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से टेलीकॉम कंपनियों को तुरंत उपलब्ध करा दी जाएगी। 687 मेगावाट की उपलब्धता से कुल 1587MHz स्पेक्ट्रम उपलब्ध हो जाएंगे और 2030 तक 2000MHz स्पेक्ट्रम की जरूरत की पूर्ति के लिए बाकी के 413MHz स्पेक्ट्रम भी समय से पहले उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

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