चीन के कर्ज जाल का पाकिस्तान हुआ शिकार, कर रहा और परियोजनाएं लाने पर विचार

पाकिस्तान पहले से ही चीन के ‘कर्ज जाल’ में बुरी तरह उलझा हुआ है। इस बीच चीन ने कहा है कि वो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत और परियोजनाएं लाने पर विचार कर रहा है।    

बता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने देश के अंदर बढ़ते भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए एक घोषणा की है, जिसके तहत ‘बेलआउट पैकेज’ के लिए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद मांगी है। 

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मंगलवार को कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत और अधिक परियोजनाएं लाई जाएंगी। इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि सीपीईसी के तहत ऋण देनदारियां कम अनुपात में थीं। उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान की नई सरकार के तहत चीन-पाकिस्तान संबंध नई ऊंचाई तक जाएंगे। 

लू कांग ने दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय बैठकों के बारे में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन और पाकिस्तान हमेशा के रणनीतिक साझेदार हैं। हाल के वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंध एक उच्च स्तर पर काम कर रहे हैं। 

सीपीईसी के बकाये का ब्योरा देगा पाक 

पाकिस्तान सीपीईसी के बकाये का ब्योरा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को सौंपने के लिए तैयार हो गया है। पाकिस्तानी वित्त मंत्री असद उमर ने कहा है कि पाकिस्तान को चालू वर्ष में करीब 9 अरब डॉलर की कर्ज अदायगी करनी है। 

उमर ने इंडोनेशिया में आईएमएफ के प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टियन लागार्दे से मुलाकात कर पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज देने का आग्रह किया था। उमर ने कहा कि वैश्विक कर्जदाता संस्था से आग्रह करने का निर्णय मित्र देशों की सलाह के बाद लिया गया था। हालांकि उन्होंने इन मित्र देशों का नाम नहीं बताया, लेकिन हालिया दिनों में पाकिस्तान ने लगातार चीन और सऊदी अरब से संपर्क किया है।

Back to top button