CBSE नियमों में बड़ा बदलाव, फीस, यूनिफॉर्म और किताबों को लेकर अहम फैसले

सीबीएसई से मान्‍यता प्राप्‍त स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने गुरुवार को नए नियमों की घोषणा की. इससे देशभर में सीबीएसई की ओर से संचालित 20,700 स्कूल प्रभावित होंगे. नए नियमों के मुताबिक सीबीएसई स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक उनके लिए यूनिफॉर्म, स्टेशनरी आइटम और किताबें कहीं से भी ले सकते हैं. अब स्कूल उन्हें किसी विशेष दुकान से इन्हें लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.

स्कूलों को फीस में भी पूरी पारदर्शिता लानी होगी. इसके तहत स्कूल वेबसाइट और फॉर्म पर जो फीस बताई गई है उतनी ही फीस अभिभावकों को देनी होगी. स्कूल अब किसी भी तरीके का हिडन चार्ज यानि छुपा हुआ चार्ज अभिभावकों से नहीं वसूल पाएंगे.
सरकार ने सीबीएसई संचालित स्कूलों को मान्यता देने की भी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. अब मान्यता देने की प्रक्रिया पूरी तरीके से ऑनलाइन हो गई है इसकी शुरुआत इसी सत्र से हो गई है. सरकार का दावा है कि इससे जुड़े 8000 से ज्यादा आवेदनों को इस साल ऑनलाइन ही निपटाया गया है. सीबीएसई के पास मान्यता के लिए जो भी आवेदन अब आ रहे हैं उनका आंकलन और निगरानी सिर्फ गुणवक्ता के पहलुओं पर ही किया जाएगा. स्कूलों की आधारभूत सुविधा क्या है, सुरक्षा कैसी है और अन्य पहलू इसका आंकलन और निगरानी स्थानीय प्रशासन करेगा.

नए नियमों से पहले स्‍कूल संचालकों को स्थानीय प्रशासन और सीबीएसई के पास एक ही काम के लिए बार-बार जाना पड़ता था. नए नियम आने के बाद अब स्थानीय एजेंसी और सीबीएसई के पास आवेदकों को सिर्फ एक ही बार जाना पड़ेगा.

सरकार का दावा है कि नए नियमों से उसने यह भी सुनिश्चित कर लिया है कि मौजूदा समय में सीबीएसई संचालित स्कूल नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राइट, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी औऱ सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए गए दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे. इन दिशा निर्देशों में बच्चों की सुरक्षा, उनके अधिकार और उनकी फीस पर खास ध्यान दिया गया है. सरकार ने 2012 के बाद से इस नियम में पहली बार बदलाव किया है.

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