क्या कुंवारी लड़कियां कर सकती हैं प्रदोष व्रत

त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) और उपासना करने से जातक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां कर सकती हैं, लेकिन इसके नियम (Pradosh Vrat for unmarried girls) का पालन करना बेहद जरुरी होता है। माना जाता है कि नियम (Pradosh Vrat Niyam 2024) का पालन न करने से पूजा सफल नहीं होती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं। चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे मार्गशीर्ष के अंतिम प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और नियम के बारे में।

प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 12 दिसंबर को देर रात 10 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 13 दिसंबर (Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat) को शाम 07 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में 13 दिसंबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन शुक्रवार पड़ रहा है, तो ऐसे में इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा।

प्रदोष व्रत 2024 पूजा टाइम (Pradosh Vrat 2024 Puja Time)

इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर (Pradosh Vrat 2024 Puja Time) 26 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक है। इस समय में आप महादेव की पूजा कर सकते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 11 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक

अमृत काल- रात्रि 03 बजकर 36 मिनट से सुबह 05 बजकर 04 मिनट तक

इन नियम का करें पालन

प्रदोष व्रत के दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।

सच्चे मन से व्रत का संकल्प लें।

चौकी पर शिव परिवार को विराजमान करें।

शिवलिंग पर जल और बेलपत्र समेत आदि चीजों को अर्पित करें।

देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। मंत्रों का जप और शिव चालीसा का पाठ करें।

मंदिर या गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करना फलदायी साबित होता है।

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