CAA के खिलाफ भारत से बाहर यूरोपियन संसद में भी होगी बहस, विरोधियों ने कही ये बड़ी बात

यूरोपियन संसद में वहां के कुछ राजनीतिक दलों के सदस्यों ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव पर वहां के संसद में बहस और मतदान होगी। इसको लेकर भारत ने विरोध दर्ज कराया है। भारत आए यूरोपियन यूनियन के एक डेलिगेशन ने कहा कि हमारे देश की संसद एक स्वतंत्र संस्था है।

संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था जिस पर बुधवार (29 जनवरी) को बहस होगी और इसके एक दिन बाद मतदान होगा।

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प्रस्ताव में कहा गया है, ‘सीएए भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा। इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है।’

सीएए भारत में पिछले साल दिसंबर में लागू किया गया था, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत सरकार का कहना है कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है, बल्कि इसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और उन्हें नागरिकता देने के लिए लाया गया है।

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