बड़ी खबर: राम मंदिर पर सहमति के लिए सलमान नदवी बनाएंगे अलग बोर्ड

अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने के लिए सलमान नदवी एक अलग बोर्ड बनाने की तैयारी में हैं. श्रीश्री रविशंकर की पहल पर बन रहे इस बोर्ड का नाम ‘मानव कल्याण बोर्ड’ होगा. इससे पहले मौलाना नदवी की सुलह समझौते की कोशिशों को मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड ने खारिज करते हुए उन्हें बाहर ही कर दिया था और ओवैसी ने साफ ऐलान किया था कि मुस्लिम पक्ष मस्जिद की जमीन से अपना दावा नहीं छोड़ेगा.

कोर्ट के बाहर अयोध्या विवाद सुलझाने की कोशिश

आगामी 1 मार्च को लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सलमान नदवी और श्रीश्री रविशंकर इस बोर्ड का खाका लोगों के सामने रखेंगे. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समानांतर मानव कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा. ये बोर्ड अयोध्या विवाद के आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट के लिए होगा.

अयोध्या विवाद को अदालत से बाहर निपटाने के लिए एक तरीका सलमान नदवी और श्रीश्री रविशंकर सार्वजनिक कर चुके हैं. इस सुलह योजना के तहत अयोध्या में मस्जिद की जमीन छोड़ने की एवज में मंदिर से बड़ी जमीन मस्जिद के लिए देने, अयोध्या के गुनाहगारों को सजा दिलाने, साथ ही अयोध्या में एक इस्लामिक यूनिवर्सिटी की मांग पूरा करने की बात कही गई थी.

बनने से पहले बोर्ड पर सियासत शुरू

अब मानव कल्याण बोर्ड बनाकर इस फॉर्मूले को सामने लाया जा सकता है. लेकिन फॉर्मूले और बोर्ड का नाम आते ही इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. इस फॉर्मूले के पीछे 5 हजार करोड़ के लेनदेन का आरोप लगाने वाले अयोध्या सद्भावना समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने ‘आजतक’ को बताया कि उनकी बात अब सही साबित हो रही है, जो उन्होंने कुछ दिन पहले कही थी.

कैसा होगा मानव कल्याण बोर्ड?

मानव कल्याण बोर्ड का गठन केंद्र से लेकर जिलों तक होगा. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज इसके चेयरमैन होंगे, जबकि सभी धर्मों से जुड़े बड़े धर्मगुरुओं को बोर्ड के सदर के तौर पर शामिल किया जाएगा.

अयोध्या पर अलग मुहीम छेड़ेंगे नदवी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से बाहर किए जा चुके सलमान नदवी, अब अयोध्या को लेकर अपनी मुहीम अलग से छेड़ने जा रहे हैं. यही वजह है कि मानव कल्याण बोर्ड के जरिए अब अयोध्या पर पहल होगी.

धार्मिक विवाद निपटाएगा मानव कल्याण बोर्ड

मानव कल्याण बोर्ड की संरचना और कार्य पर बात करते हुए सलमान नदवी ने बताया कि ये बोर्ड देश में अंतर धार्मिक समूहों के बीच विवाद को हल करने के लिए होगा, जिसमें सभी धर्मों के बड़े और सम्मानित नाम शामिल होंगे. किसी भी तरह का विवाद अगर वह धार्मिक विवाद है और दो समुदायों से जुड़ा है, तो उसे निपटाने के लिए मानव कल्याण बोर्ड पहल करेगा.

बोर्ड में शामिल होंगे धार्मिक नेता

जिस तरीके से इस बोर्ड की केंद्रीय संरचना होगी. कुछ उसी तरीके से जिलों तक भी इसका स्ट्रक्चर बनेगा. देश के बड़े साधु-महात्मा, सूफी संत और धर्मों के धर्माचार्य केंद्रीय कमेटी में होंगे, तो जिला स्तर पर जिले के सबसे सम्मानित धार्मिक नेता इसमें शामिल होंगे.

अयोध्या के इस्लामीकरण की मंजूरी नहीं: अमरनाथ मिश्रा

वहीं अयोध्या सद्भावना समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा के मुताबिक मस्जिद हटाने के नाम पर अयोध्या के इस्लामीकरण की मंजूरी नहीं दी जा सकती. मिश्रा ने कहा, ‘मस्जिद की जमीन के बदले उससे कई गुना बड़ी जमीन अयोध्या में नहीं दी जाएगी.’

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