बड़ी खबर: मोदी के चीन दौरे से पहले आपसी रिश्ते सुधारने की कोशिश करेंगे दोनों देश

जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएंगे। इस मौके पर दोनों देश पिछले कुछ महीनों से चल रहे आपसी मतभेद को दूर करने की कोशिश करेंगे। पीएम की यात्रा से पहले दोनों देश कई अहम स्तर पर बातचीत करने के लिए तैयार हो गए हैं। सबसे पहले दोनों देशों के विशेषज्ञों की टीमें क्रॉसबॉर्डर नदियों के सिलसिले में 26 से 30 मार्च तक अहम मुलाकात करेंगी। इस मुलाकात में विशेषज्ञों की टीमें एक-दूसरे के यहां बहने वाली नदियों से संबंधित जानकारियां साझा करेंगे।

बड़ी खबर: मोदी के चीन दौरे से पहले आपसी रिश्ते सुधारने की कोशिश करेंगे दोनों देशपिछले साल दोकलम विवाद के बाद चीन ने भारत के साथ हाइड्रोलॉजिकल डाटा साझा करने से साफ मना कर दिया था। भारत ने ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बनाए जाने वाले बांध पर अपनी चिंता जाहिर की थी। 13 से 15 अप्रैल के बीच चीन की नेशनल डेवेलपमेंट एंड रिफॉर्म कमिशन भारत के नीति-आयोग के साथ रणनीतिक और आर्थिक स्तर पर चर्चा करेगी। आखिरी बार साल 2016 में इस तरह की बातचीत हुई थी। इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के वित्तमंत्री बीजिंग में बैठक करेंगे। दोनों देशों के आपसी रिश्तों के लिहाज से इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जून 9 को पीएम मोदी किंगदाओं में आयोजित होने वाली एससीओ समिट में पहुंचेगे। यह दोनों देशों के बीच वार्ता का अंतिम पड़ाव होगा। दोकलम विवाद के बाद से दोनों देशों के संबंध असमान्य हो गए थे और दोनों ने कई बार अपने मतभेदों को जाहिर किया है। दोनों देशों के बीच रिश्तों की खटास की वजह से विदेश सचिव विजय गोखले ने सरकारी अधिकारियों को स्पष्ट कहा था कि वह दलाई लामा के कार्यक्रम में ना जाए क्योंकि द्वीपक्षीय वार्ता संवेदनशील क्षेत्र में है। मीडिया में लीक हुए विदेश सचिव के नोट से यह साफ हो गया है कि भारत ने तिब्बत के अध्यात्मिक गुरू के साथ अपने संबंधों से पीछे हटने का निर्णय ले लिया है।

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