बड़ी खबर: 90 दिन के अंदर पाकिस्तान के खिलाफ होगी बड़ी वैश्विक कार्रवाई

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक स्तर पर बड़ी कार्रवाई होने वाली है. शुक्रवार को पाकिस्तान इस कार्रवाई से बाल-बाल बच गया, लेकिन अगर उसने आतंकियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की, तो उसको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. शुक्रवार को फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी के साथ सुधरने का आखिरी मौका दिया है.बड़ी खबर: 90 दिन के अंदर पाकिस्तान के खिलाफ होगी बड़ी वैश्विक कार्रवाई

दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी करने वाले FATF ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों पर जल्द कार्रवाई करे, वरना उसके खिलाफ 90 दिन के अंदर फैसला लिया जाएगा. इससे पहले शुक्रवार रात फ्रांस की राजधानी पेरस में FATF की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लिए जाने की उम्मीद की जा रही थी.

ऐसा कहा जा रहा था कि FATF पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल कर देगा. हालांकि FATF ने पाकिस्तान को सुधरने और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए 90 दिन का आखिरी मौका दिया है. अगर पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कदम नहीं उठाया, तो 90 दिन में उसके खिलाफ कार्रवाई होना तय है.

FATF 90 दिन में पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में शामिल कर देगा. इससे पाकिस्तान पर वैश्विक निवेश बुरी तरह प्रभावित होगा. वहां पर वैश्विक निवेश पर रोक लग जाएगी. इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी चरमरा जाएगी. हाल ही में FATF ने इथियोपिया, इराक, सर्बिया, श्रीलंका, सीरिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनिसिया, ट्यूनीशिया, वानुअतु और यमन को अपनी ग्रे लिस्ट में शामिल किया था.

इससे पहले पिछले साल अर्जेंटिना में आयोजित बैठक में पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों को समर्थन देने की जांच शुरू की गई थी. जब पाकिस्तान ने आतंकियों को समर्थन और पनाह देना बंद नहीं किया, तो FATF ने कार्रवाई करने की तैयारी कर ली. दिलचस्प बात यह है कि जब पाकिस्तान के खिलाफ फैसला लेने की बात आई, तो उसके सदाबहार दोस्त चीन और सऊदी अरब ने भी उसका साथ छोड़ दिया. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ फैसले पर कोई विरोध नहीं किया.

माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान के खिलाफ यह वैश्विक कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को लताड़ चुके हैं. ट्रंप की लताड़ के बाद पाकिस्तान ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को नजरबंद किया था. साथ ही उसके संगठन जमात-उद-दावा की फंडिंग पर रोक लगा दी था. हालांकि उसकी यह कार्रवाई दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए थी.

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