महिला दिवस पर आज इतिहास रचने उतरेगी बेटिया… टी-20 विश्व कप की चैंपियन बनकर लिखेगी नया अध्याय

हरमनप्रीत कौर की टीम ने 11 साल में पहली बार टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास तो रच ही दिया है। अब टीम की निगाह महिला दिवस पर विश्व चैंपियन बनकर भारतीय महिला क्रिकेट का नया अध्याय लिखने की है। चार बार की रिकॉर्ड विजेता ऑस्ट्रेलिया को हराकर टूर्नामेंट का दमदार आगाज करने वाली भारतीय टीम के पहली बार विश्व चैंपियन बनने की राह में फिर मेजबान टीम ही है। लीग चरण में ऑस्ट्रेलिया को मात देने से भारत का पलड़ा भारी है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में होने वाले इस फाइनल मुकाबलों को लेकर भारतीय खिलाड़ी पूरी तरह से तैयार हैं।

बेहतरीन फॉर्म में शेफाली वर्मा: भारत की सफलता में 16 साल की शेफाली वर्मा की आक्रामक बल्लेबाजी का बड़ा योगदान है। वर्मा से फिर से तूफानी शुरुआत की उम्मीद रहेगी अगर शेफाली अच्छा प्रदर्शन नहीं करती तो भारत के लिए ग्रुप चरण में प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाना मुश्किल हो जाता क्योंकि मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाज खास योगदान नहीं दे पाए। शेफाली के बल्ले से 40 की औसत से चार मैच में 161 रन निकले हैं।

भारतीय स्पिनर्स पर दारोमदार: लेग स्पिनर पूनम यादव ने उंगली की चोट से शानदार वापसी की। उन्होंने अब तक नौ विकेट लिए हैं और ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाज मेगान स्कट के साथ सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शीर्ष पर हैं। तेज गेंदबाज शिखा पांडे भी प्रभावशाली रही है जबकि बाएं हाथ की स्पिनरों राधा यादव और राजेश्वरी गायकवाड़ ने भी कसी गेंदबाजी की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पूनम का कैसे सामना करते हैं क्योंकि पहले मैच में वे उनका सामना नहीं कर पाये थे।
फाइनल के 75,000 से अधिक टिकट बिक चुके हैं और कुल 90,000 दर्शकों के पहुंचने की संभावना है जो कि महिला क्रिकेट में अप्रत्याशित कहा जाएगा। मेग लेनिंग की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम घरेलू दर्शकों के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है। दर्शकों में उसकी पुरुष टीम के प्रमुख गेंदबाज मिचेल स्टार्क भी शामिल होंगे जो अपनी घरेलू टीम और अपनी पत्नी एलिसा हेली का उत्साह बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीकी दौरा बीच में छोड़कर यहां पहुंचे हैं। ऑस्ट्रेलिया चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से भी जूझ रहा है। तेज गेंदबाज तायला वलामिन्स्क शुरू में ही चोटिल हो गई थी जबकि स्टार आलराउंडर एलिस पेरी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले बाहर हो गई। इसके बावजूद आस्ट्रेलिया फिर से फाइनल में पहुंचने में सफल रहा।
ऑस्ट्रेलिया में अच्छा है भारत का रिकॉर्ड: भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसका ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड अच्छा है। यहां उसने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपने देश से ज्यादा मैच जीते हैं। दोनों देशों के बीच ऑस्ट्रेलिया में अब तक 8 टी-20 हुए हैं, जिसमें से दोनों ने चार-चार जीते हैं। इस लिहाज से भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया में सक्सेस रेट 50 फीसदी है। वहीं घरेलू जमीन पर भारत ने सात मैचों में से सिर्फ एक जीता हैं और छह हारे हैं।

19 कुल मुकाबलों में से भारत ने जीते हैं छह: दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 19 टी-20 मुकाबले हुए हैं। इसमें से भारत ने छह और ऑस्ट्रेलिया 13 जीते हैं। इस लिहाज से ऑस्ट्रेलिया का सक्सेट रेट 68 फीसदी है। दोनों टीमों के बीच इस साल टी-20 विश्व कप को मिलाकर अब तक चार मैच खेले गए हैं जिसमें से दो भारत और दो ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं।

अपने सारे लीग मुकाबले जीतकर भले ही भारत ग्रुप ‘ए’ में नंबर एक रहा हो, लेकिन भारत किसी भी मैच में 150 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया है। बल्लेबाजी इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी है। इसका अहम कारण है स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर का खराब फॉर्म। इस टूर्नामेंट में ओपनर स्मृति मंधाना 3 मैच में सिर्फ 38 रन ही बना सकीं हैं। 17 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है। जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर के बल्ले से चार मैच में महज 26 रन ही निकले हैं, उनका सर्वोच्च स्कोर 15 रन है। सर्वाधिक रन 16 वर्षीय सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने बनाए हैं, उनके बल्ले से 40 की औसत से चार मैच में 161 रन निकले हैं।
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), शेफाली वर्मा, स्मृति मंधाना, जेमिमा रॉड्रिग्स, तानिया भाटिया, शिखा पांडेय, पूनम यादव, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, राधा यादव, अरुंधति रेड्डी, हरलीन देओल, राजेश्वरी गायकवाड़, ऋचा घोष और पूजा वस्त्रकार।

ऑस्ट्रेलया: मेग लेनिंग (कप्तान), बेथ मूनी, रशेल हेन्स, एश्ले गार्डनर, डेलिसा किमिंस, एलिस पेरी, एरिन बर्न्स, एनाबेल सदरलैंड, निकोला कैरी, एलिसा हिली, जेस जोनासन, सोफी मोलिनिक्स, मेगन शूट, जॉर्जिया वेरहैम और मॉली स्ट्रेनो।

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