सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से माँगा जवाब, कहा-ब्लू व्हेल खेल ‘मौत की वजह’

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ब्लू व्हेल चैलेंज गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिये तमिलनाडु के 73 वर्षीय व्यक्ति की याचिका पर शुक्रवार (15 सितंबर) को केन्द्र सरकार से जवाब मांगा. अनेक बच्चों की मौत् की घटनाएं इस खेल से जुडी हुयी हैं. शीर्ष अदालत ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से इस मामले में सहायता करने का भी आग्रह किया है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने वकील एन एस पोन्नैया की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया. केन्द्र को तीन सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनुच्छेद 35A पर संविधान की पीठ जल्द कर सकती है सुनवाई

शीर्ष अदालत 11 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई के लिये सहमत हो गयी थी. इस याचिका में अन्य बातों के अलावा जनता में इस आन लाइन खेल के बारे में जागरूकता पैदा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि मीडिया के अनुसार पांच सितंबर तक यह आन लाइन ब्लू व्हेल गेम खेलने के बाद कम से कम दो सौ व्यक्तियों ने आत्महत्या की है. इनमें अधिकांश 13 से 15 साल की आयु के किशोरवय बच्चे हैं.

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याचिका के अनुसार मदुरै सिटी पुलिस ने पुष्टि की है कि यह गेम खेलने के बाद आत्महत्या करने वाले कालेज के एक छात्र ने इसे 150 से अधिक मित्रों को प्रेषित किया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को ब्लू व्हैल चैलेंज गेम के लिंक हटाने का निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर फेसबुक, गूगल और याहू से जवाब मांगा था.

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि ब्लू व्हेल गेम के घातक परिणामों के बारे में जागरुकता पैदा की जानी चाहिए. रूस के पूर्व सजायाफ्ता द्वारा बनाए गए ब्लू व्हेल गेम चैलेंज में कथित तौर पर खिलाड़ियों को 50 दिनों की अवधि के लिए कई साहसी, आत्म विनाशकारी कार्यो के लिए उकसाया जाता है व अंतिम चुनौती में खिलाड़ी को आत्महत्या के लिए कहा जाता है.

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