जांच कमेटी से जुड़े एक अधिकारी ने अलाया अपार्टमेंट की शुरुआती जांच के बाद किए ये खुलासा…

लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट के ढहने की वजह भारी भरकम ड्रिल मशीनों से बेसमेंट में हो रही खुदाई थी। जांच कमेटी से जुड़े एक अधिकारी ने शुरुआती जांच के बाद यह खुलासा किया है। फिलहाल मलबे की जांच भी जारी है। इससे बिल्डिंग में इस्तेमाल निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का भी पता चलेगा। मलबे की रिपोर्ट आने के बाद ही जांच कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार करेगी।अलाया अपार्टमेंट मामले की जांच के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनी है। इसने तीन दिन पहले मौके से नमूना लेकर लोक निर्माण विभाग की लैब से जांच कराई है। वहीं मौके पर लोक निर्माण विभाग, एलडीए के बिल्डिंग विशेषज्ञों की टीम ने संयुक्त रूप से जांच की है। इसके अलावा यहां रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत भी की है। विशेषज्ञों की टीम के एक इंजीनियर ने बताया कि शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि बिल्डिंग खुदाई की वजह से ही गिरी है।

लोगों ने खुदाई का विरोध भी किया पर नहीं माने इंजीनियर के मुताबिक स्टिल्ट फ्लोर पर काफी बड़ी-बड़ी ड्रिल मशीनों से खुदाई की जा रही थी। स्टिल्ट के फ्लोर की फर्श को इन्हीं मशीनों से काटा जा रहा था। इससे बिल्डिंग में कम्पन हो रही थी, जबकि इसे सुरक्षित रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। इसका यहां के लोगों ने विरोध भी किया था।

एलडीए और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने कुछ लोगों से बात भी की है, जिसमें लोगों ने इसकी पुष्टि भी की। फिलहाल कमेटी मंगलवार को लोगों के बयान लेगी। हालांकि कुछ लोगों ने अण्डरग्राउण्ड वाटर टैंक बनाने की भी बात कही है।

बगल के अपार्टमेंट के किनारे का मलबा रोका
नगर निगम ने वैसे पूरे परिसर से अपार्टमेंट का मलबा हटा दिया है, लेकिन बगल के एक अपार्टमेंट के किनारे का मलबा नहीं हटाया है। इसकी दीवार क्षतिग्रस्त हुई है, इसी वजह से इसे नहीं छेड़ा गया। विशेषज्ञों की सलाह के बाद इसे भी हटाया जाएगा।

नगर निगम के जोनल अधिकारी नरेन्‍द्र देव ने बताया कि अलाया अपार्टमेंट का सारा मलबा हटवा दिया गया है। आपरेशन खत्म कर दिया गया है। केवल बगल के फ्लैट के किनारे का थोड़ा मलबा रोका गया है, क्योंकि इसे हटाने पर खतरा हो सकता है। 

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