2019 चुनाव के लिए अमित शाह ने खेला ये बड़ा दांव, कांग्रेस में आ सकता है भूचाल
June 25, 2018
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आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ऐसा दांव खेल गए जिससे कांग्रेसी दिग्गजों की टेंशन बढ़ सकती है। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के हर छोटे-बडे़ असंतुष्ट पर भाजपा की नजर है। भाजपा को जहां मौका मिलेगा, वह असंतुष्टों को अपने पाले में खींच लेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि असंतुष्टों को साथ लाओ, उन्हें पद देना पडे़, तो वो भी दे दो।
शाह ने अपने पूर्णकालिक विस्तारकों को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसे मामलों में खासी तेजी दिखाने की नसीहत दी है। विस्तारकों से बूथ स्तर पर प्रभावी लोगों को भी पार्टी से जोड़ने के लिए कहा गया है। शाह का यहां तक कहना है कि ऐसे प्रभावी लोग यदि छह महीने भी भाजपा में रह जाएंगे, तो इससे पार्टी का काम चल जाएगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी संख्या में कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।
इसका उसे चुनाव में फायदा भी मिला। शाह ने विस्तारकों से कहा कि भाजपा का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है। अन्य दलों में तमाम ऐसे लोग हैं, जो भाजपा में आना चाहते हैं। इसलिए उन पर नजर रखनी जरूरी है। एक विस्तारक ने बताया कि शाह सभी विस्तारकों के कामकाज से खुश नजर आए। हर विधानसभा में भाजपा ने पिछले साल ही पूर्णकालिक विस्तारकों की नियुक्ति की थी। इन विस्तारकों ने एक निश्चित समय घर-परिवार से दूर रहकर भाजपा संगठन को देने का निर्णय लिया है।
विस्तारकों के साथ बैठक में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन की कोशिशों पर भी चर्चा हुई। शाह ने कहा कि हम अपनी संगठनात्मक मजबूती से विपक्ष को करारा जवाब देते आए हैं। आगे भी जवाब दिया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘शेर’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कोई टिक नहीं पाएगा।
भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेताओं के मोर्चा बनाने की चर्चा पर भाजपा बेपरवाह बनी हुई है। शाह के दौरे से ऐन पहले इस तरह की खबरें आई थीं कि असंतुष्ट नेताओं ने अलग मोर्चा बनाने के लिए बैठक की है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी। इन स्थितियों पर भाजपा ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहती। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने रविवार को कहा कि लोकतंत्र में यह विचित्र बात नहीं मानी जा सकती है। हर व्यक्ति को इस तरह के कदम उठाने की आजादी है। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार, ऐसी कोई सूचना सरकार या संगठन तक नहीं पहुंची है।