America-Iran Tension: और बढ़ेगी तनातनी, समझौता तोड़कर यूरेनियम भंडार बढ़ाएगा ईरान
ईरान ने एलान किया है कि वह अपना यूरेनियम भंडार बढ़ाएगा। ऐसा करते हुए वह एक बार फिर 2015 में वैश्विक शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते की शर्तो का उल्लंघन करने की तैयारी में है। ईरान के इस कदम से अमेरिका के साथ उसकी तनातनी और बढ़ सकती है। अधिकारियों का कहना है कि समझौते की शर्तो के उल्लंघन का यह कदम अगले 60 दिन में उठाया जाएगा।
यूरेनियम भंडार बढ़ाने की बात कहते हुए समझौते के उल्लंघन की तैयारी के साथ-साथ ईरान ने समझौता बचाने के लिए बातचीत का संकेत भी दिया है। ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि यूरोपीय देशों के साथ बातचीत चल रही है। इस महीने के आखिर तक मंत्रीस्तरीय बातचीत की योजना है। शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से फोन पर बात भी की थी। उन्होंने 15 जुलाई तक ईरान और अन्य पश्चिमी देशों के बीच बातचीत शुरू कराने का रास्ता तलाशने की बात कही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अमेरिका को इस समझौते से बाहर करते हुए ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके ठीक सालभर बाद ईरान ने यूरेनियम भंडार बढ़ाने की बात कही है। पिछले कुछ हफ्तों में ईरान ने यूरोपीय देशों को कई बार चेताया है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण समझौता प्रभावहीन हो गया है। ऐसे में ईरान इस समझौते से निकलने पर विचार कर रहा है। यूरोपीय देश अमेरिकी प्रतिबंधों को निष्प्रभावी करने की दिशा में ईरान को कोई बेहतर विकल्प नहीं दे पाए हैं। ऐसे में इस लड़खड़ाते समझौते के बने रहने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र रखेगा निगाह
परमाणु शक्ति पर निगाह रखने वाली संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एजेंसी ने ईरान के कदमों पर निगाह रखने की बात कही है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बताया कि जैसे ही यूरेनियम बढ़ाने संबंधी ईरान के कदमों की पुष्टि होगी, एजेंसी के स्थानीय अधिकारी वियना स्थित मुख्यालय को सूचित करेंगे।
इजरायल ने की और प्रतिबंधों की पैरवी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर ईरान समझौते में तय सीमा से ज्यादा यूरेनियम संग्रह करता है, तो उस पर और प्रतिबंध लगने चाहिए। उनका कहना है कि इतनी ज्यादा मात्रा में यूरेनियम संग्रह का केवल एक उद्देश्य होता है, वह है परमाणु बम बनाना। परमाणु कार्यक्रमों के चलते नेतन्याहू ईरान को सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। वह समझौते के भी विरोधी रहे हैं।
यूरेनियम भंडार बढ़ाने की बात कहते हुए समझौते के उल्लंघन की तैयारी के साथ-साथ ईरान ने समझौता बचाने के लिए बातचीत का संकेत भी दिया है। ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि यूरोपीय देशों के साथ बातचीत चल रही है। इस महीने के आखिर तक मंत्रीस्तरीय बातचीत की योजना है। शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से फोन पर बात भी की थी। उन्होंने 15 जुलाई तक ईरान और अन्य पश्चिमी देशों के बीच बातचीत शुरू कराने का रास्ता तलाशने की बात कही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अमेरिका को इस समझौते से बाहर करते हुए ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके ठीक सालभर बाद ईरान ने यूरेनियम भंडार बढ़ाने की बात कही है। पिछले कुछ हफ्तों में ईरान ने यूरोपीय देशों को कई बार चेताया है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण समझौता प्रभावहीन हो गया है। ऐसे में ईरान इस समझौते से निकलने पर विचार कर रहा है। यूरोपीय देश अमेरिकी प्रतिबंधों को निष्प्रभावी करने की दिशा में ईरान को कोई बेहतर विकल्प नहीं दे पाए हैं। ऐसे में इस लड़खड़ाते समझौते के बने रहने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र रखेगा निगाह
परमाणु शक्ति पर निगाह रखने वाली संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एजेंसी ने ईरान के कदमों पर निगाह रखने की बात कही है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बताया कि जैसे ही यूरेनियम बढ़ाने संबंधी ईरान के कदमों की पुष्टि होगी, एजेंसी के स्थानीय अधिकारी वियना स्थित मुख्यालय को सूचित करेंगे।
इजरायल ने की और प्रतिबंधों की पैरवी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर ईरान समझौते में तय सीमा से ज्यादा यूरेनियम संग्रह करता है, तो उस पर और प्रतिबंध लगने चाहिए। उनका कहना है कि इतनी ज्यादा मात्रा में यूरेनियम संग्रह का केवल एक उद्देश्य होता है, वह है परमाणु बम बनाना। परमाणु कार्यक्रमों के चलते नेतन्याहू ईरान को सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। वह समझौते के भी विरोधी रहे हैं।