आंखों पर वायु प्रदूषण का पड़ता है बुरा असर
लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से अब दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास का इलाका धुंध की चादर से ढक चुका है। सोमवार की सुबह से ही लोगों को हर तरफ बस धुंध ही धुंध देखने को मिल रही है। इस समय दिल्ली समेत आसपास के इलाकों की आबोहवा बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुकी है, जिसका असर सेहत पर भी देखने को मिल रहा है। तेजी से बढ़ता प्रदूषण कई तरीकों से सेहत को प्रभावित करता है। इससे न सिर्फ पूरी सेहत, बल्कि त्वचा और आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैसे बढ़ता वायु प्रदूषण आपकी आंखों पर बुरा प्रभाव डालता है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पंचशील पार्क में ऑपथैल्मोलॉजी की एचओडी और प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. अनीता सेठी से बातचीत की। साथ ही यह भी जाना कि कैसे बिगड़ती आबोहवा के बीच आप अपनी आंखों की सुरक्षा (Air Pollution Eye Care Tips) कर सकते हैं।
वायु प्रदूषण का आंखों पर प्रभाव?
डॉक्टर बताती हैं कि वायु प्रदूषण कई तरह से आंखों को प्रभावित (Eye Protection Tips to Air pollution) करता है। सबसे पहले हानिकारक पार्टिकल्स और धूल पहले से ही संवेदनशील आंखों में जलन पैदा करती हैं। चूंकि यह सर्दियों के मौसम में होता है, इसलिए मौसम में बदलाव के कारण कई तरह की एलर्जी होती है और एलर्जी से आंखें ज्यादा ड्राई हो जाती हैं और इन एलर्जी के कारण ड्राई आंखों में प्रदूषण ज्यादा महसूस होता है। इसकी वजह से आंखों की समस्याएं जैसे खुजली, पानी आना, जलन, सामान्य दर्द आदि हो सकती हैं।
ऐसे करें अपनी आंखों की सुरक्षा
प्रदूषण की वजह से आंखों की काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए आंखों के बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में डॉक्टर ने आंखों की सुरक्षा के लिए कुछ टिप्स भी शेयर किए हैं, जो निम्न हैं-
लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप के अलावा ओटीसी (ओवर द काउंटर) दवाओं का इस्तेमाल न करें। अगर आंखों में दर्द हो या देखने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए और सही उपचार लेना चाहिए।
डॉक्टर बताती हैं कि आंखों को वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाने का तरीका यह है कि सबसे पहले जिन लोगों को एलर्जी होने का खतरा है, उन्हें एंटी एलर्जिक ड्रॉप्स और इससे जुड़ा इलाज शुरू करना चाहिए।
लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करना चाहिए या आंखों पर ठंडा सेक लगा सकते हैं।
इसके अलावा धूल और हवा में बाहर जाने से बचें। अगर संभव हो तो, बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मा या धूप का चश्मा पहनें।