अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसद में हंगामा, 12 बजे तक कार्यवाही हुई स्थगित

लोकसभा में मंगलवार का दिन काफी महत्वपूर्ण है. वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी आज नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जोर दे सकती है. वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बा रेड्डी ने सोमवार को ही लोकसभा सचिवालय की वर्क लिस्ट में अपना नोटिस रखने के लिए चिट्ठी थी. वहीं, टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है. बता दें कि पिछले हफ्ते भी इन दोनों पार्टियों ने नोटिस दिया था.
केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इनकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. इस मुद्दे पर भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही तेदेपा ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लाई. दोनों पार्टियां अपने-अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए.

हालांकि, सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकारकर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ भाजपा के 274 सदस्य हैं. यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है.

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वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी की नोटिस को लोकसभा की पिछली कार्यसूची में नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी. उन्होंने कहा था कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाई. ऐसी स्थिति में इसे कार्यसूची में नहीं लिया जा सका.

विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि व्यवस्था बन पाएगी. बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही है.

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