एक ऐसा गांव, जहां मौत को लेकर लोग रखते हैं बेहद अनोखा शौक…
June 28, 2018
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मौत का नाम सुनते ही लोग कांपने लगते हैं, पर देश में एक गांव ऐसा है, जहां लोग मौत को लेकर एक शौक रखते हैं और इसे पूरा करने के लिए जीते जी लाखों रुपये खर्च कर देते हैं।
चौंक गए न जानकर, लेकिन ये सच है। ऐसा अनोखा शौक रखने वाले लोगों का गांव देश में ही है, जहां हिन्दू परिवार मौत का एक अनोखा रिवाज निभाते हैं। हैदराबाद के राय दुर्गम गांव में लोगों को मौत के बाद अपने वंश के साथ एक कतार में दफन होने का शौक है। इस शौक को पूरा करने के लिए लोग जीते जी लाखों रुपये खर्च करके जमीन खरीदकर छोड़ देते हैं, ताकि उनके बच्चे और आगे उनके वंशजों की मरणोपरांत कतारबद्ध सुंदर कब्र बनाई जाए।
इस काम का जिम्मा संबंधित परिजनों के साथ-साथ ‘महाप्रस्थानम’ मैनेजमेंट का रहता है। यहां हिन्दू परिवार अपने शवों को जलाते नहीं है। उनका मानना है कि इससे लकड़ी का दोहन होगा और पर्यावरण भी प्रदूषित होगा। इसलिए यादगार के तौर पर वे मरणोपरांत अपनी सुंदर कब्र तैयार करने की कामना रखते हैं। ‘महाप्रस्थानम’ के केयरटेकर हनुमंत और बाबूराव के अनुसार, यहां लोगों ने कब्र बनाने के लिए एडवांस में ही जमीनें खरीद रखी है।
केयरटेकर बाबूराव बताते हैं कि यहां कई परिवारों ने एक ही कतार में पड़दादा, दादा, दादी, पिता, माता और आगे उनके वंशजों के शव दफनाए हुए हैं। चौरसनुमा समाधि की तरह तैयार इस कब्र को घौरी कहा जाता है, जिस पर मरने वाले की फोटो भी लगाई जाती है। अब सवाल ये कि ‘महाप्रस्थानम’ क्या है? ये है देश का पहला पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर आधारित एडवांस शमशानघाट। इसका उद्घाटन देश के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने किया था।
यह शमशानघाट एक खूबसूरत बगीचे की तरह तैयार किया गया है, जहां हिन्दू शवों को मशीनों व लकड़ियों से भस्म किया जाता है। यहीं पर शवों को एक ही कतार में दफनाया भी जाता है। पीआईबी के सहायक निदेशक हेमंत चौहान के अनुसार, इसे ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कारपोरेशन और स्थानीय फोनिक्स फाउंडेशन के सहयोग से चलाया जाता है।