देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था चार हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने की संभावना- रविशंकर प्रसाद
सरकार के चार साल में डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचाने के लक्ष्य के बीच तकनीकी कंपनियों ने आज कहा कि इस अवधि में देश के पास डिजिटल अर्थव्यवस्था को चार हजार अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचाने की संभावना है। केंद्रीय कानून एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बात यहां डिजिटल अर्थवस्था से जुड़े उद्योग जगत की शीर्ष कंपनियों के प्रमुखों से बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि सरकार नयी इलैक्टॉनिक नीति, सॉफ्टवेयर नीति समेत कई नयी रणनीतियों को आगे बढ़ाएगी जो इस क्षेत्र को समर्थन प्रदान करेंगी। साथ ही डेटा की सुरक्षा के लिए भी एक ढांचा तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात सभी भागीदारों ने कहा कि एक हजार अरब डॉलर का आंकड़ा कम करके आंका गया है। भारत में दो से चार हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने पर आयोजित इस बैठक में नास्कॉम के अध्यक्ष आर चंद्रेखर, गूगल इंडिया के राजन आनंदन, विप्रो के रशीद प्रेमजी, इंडियन सेल्युलर एसोसिएन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू, इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुभोश राय और हाइक मेसेंजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केविन भारती मित्तल आदि शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022 तक दे को एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। अभी देश में 450 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था है। सुबह में बैठक के दौरान प्रसाद ने कंपनियों से सस्ती प्रौद्योगिकी और समावेशी माहौल तैयार कर चार सालों में भारत को एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में सरकार की मदद करने का आह्वान किया था।