क्या एक दिन Elon Musk बनेंगे अमेरिका के राष्ट्रपति? इस सवाल पर ट्रंप ने दिया ऐसा जवाब

अमेरिका के राष्ट्रपति हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प नियुक्त किए गए हैं, वो जल्द ही राष्ट्रपति के तौर पर शपथ भी लेने वाले हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बेहतर रिश्तों को लेकर एलन मस्क लगातार चर्चाओं में रहे हैं।

वहीं अब ऐसे में सवाल ये उठता है ट्रम्प के बाद अमेरिका का राष्ट्रपति कौन होगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald trump) के साथ बेहतर रिश्तों को लेकर एलन मस्क लगातार चर्चाओं में रहे हैं, तो क्या टेस्ला के सीईओ एलन मस्क एलन मस्क अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे।

अब आपको बताते हैं डोनाल्ड ट्रम्प से जब इस सवाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब में क्या कहा। एलन मस्क आने वाले ट्रम्प प्रशासन में प्रमुख प्रभाव रखते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने एलन मस्क के राष्ट्रपति बनने के सवाल पर ‘नहीं’ में जवाब दिया।

ट्रंप ने क्या दिया जवाब?

ट्रम्प ने फीनिक्स, एरिजोना में एक रिपब्लिकन सम्मेलन में कहा, ‘वह राष्ट्रपति नहीं बनेंगे, यह मैं आपको बता सकता हूं।’ ट्रम्प ने देश में पैदा होने के बारे में अमेरिकी नियमों की ओर इशारा करते हुए ‘नहीं’ में जवाब दिया।ट्र्म्प ने आगे अपने संबोधन में कहा, एलन मस्क इस देश में पैदा नहीं हुए थे, वो दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए हैं। अमेरिकी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को जन्मजात अमेरिकी नागरिक होना चाहिए।

‘राष्ट्रपति बनने के लिए देश का नागरिक बनना जरूरी’

ट्रम्प आलोचनाओं का जवाब दे रहे थे, विशेष रूप से डेमोक्रेटिक खेमे से, जिसमें तकनीकी अरबपति और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति को आने वाले प्रशासन में उनकी बड़ी भूमिका के लिए ‘राष्ट्रपति मस्क’ के रूप में चित्रित किया गया था। मस्क के राष्ट्रपति बनने वाली बात पर ट्रम्प ने भीड़ को आश्वासन भी दिया, ‘नहीं, नहीं, ऐसा नहीं हो रहा है।’

ब्रिटेन की राजनीति में एलन मस्क का प्रभाव

वहीं अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के बाद अब ब्रिटेन की राजनीति में भी दखल देने की तैयारी में है। मस्क का मानना है कि अमेरिका की तरह अब ब्रिटेन को भी रिफ़ॉर्म्स की जरूरत है। ऐसे में वो ‘Reform UK’ नाम की राजनीतिक पार्टी की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रम्प के कैंपेनिंग के लिए एलन मस्क ने 25 करोड़ डॉलर की मदद दी थी।

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