दिसंबर महीने में कब है अन्नपूर्णा जयंती? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि!

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस दिन अन्न एवं धन की देवी माँ अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर मां अन्नपूर्णा की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से अन्न एवं धन के भंडार भरे रहते हैं। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से मां अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं। आइए, अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2024 Date) की तिथि, शुभ मुहूर्त और शुभ योग के बारे में जानते हैं।
अन्नपूर्णा जयंती तिथि और शुभ मुहूर्त (Annapurna Jayanti 2024 Date And Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर को संध्याकाल 04 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन 15 दिसंबर दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार 15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसके साथ ही अन्नपूर्णा जयंती भी 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो अन्नपूर्णा जयंती पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही अन्न एवं धन में वृद्धि होती है।
अन्नपूर्णा जयंती पूजा विधि (Annapurna Jayanti 2024 Puja Vidhi)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद शिव-शक्ति को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आचमन कर लाल या श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें। इसके बाद सर्वप्रथम सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद भगवान शिव का अभिषेक करें। पूजा गृह में पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान शिव एवं मां अन्नपूर्णा की पूजा करें। भगवान शिव एवं मां पार्वती को गृह में बने भोजन भोग में अर्पित करें। इस समय पार्वती चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में शिव पार्वती जी की आरती करें। इस दिन किचन में चूल्हे की पूजा अवश्य करें। इसके साथ ही चूल्हे पर कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाएं और धूप जलाकर मां अन्नपूर्णा से अन्न एवं धन में वृद्धि की कामना करें।