उज्जैन: शिव और कृष्ण दोनों एक ही रूप भस्मारती में, कुछ ऐसे ही स्वरूप में दिखे बाबा महाकाल
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि गुरुवार पर आज श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह चार बजे जागे, जिसके बाद बाबा महाकाल की भस्मारती धूमधाम से की गई। इस दौरान बाबा महाकाल का आज एक अनोखे स्वरूप में शृंगार किया गया, जिसके माध्यम से भक्तों को बताया गया कि भगवान शिव और कृष्ण दोनों ही स्वरूप एक ही है। शृंगार के बाद बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई, जिसके लाभ इन दर्शनों का लाभ हजारों श्रद्धालुओं को हुआ।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि गुरुवार पर आज बाबा महाकाल सुबह चार बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भगवान शिव और भगवान कृष्ण के स्वरूप में शृंगार किया गया एक और भगवान को त्रिपुंड लगाया गया।
वहीं, दूसरी ओर मोर पंख लगाकर भी भगवान का शृंगार हुआ। वर्तमान में भले ही श्रद्धालु से और वैष्णव मत को मानने वाले हैं। लेकिन इस अलौकिक शृंगार को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया। आज भगवान का राजसी स्वरूप में शृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट से शृंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।