राहुल गांधी ने अपने मोची मित्र के लिए भेजा गिफ्ट

राहुल गांधी के नए मित्र रामचेत मोची के कीपैड मोबाइल पर कल देर रात 11 बजे घंटी बजी रामचेत की नींद टूटी, कॉल रिसीव कर उसने कहा हैलो कौन, दूसरी ओर से जवाब मिला हम राहुल गांधी की टीम से बोल रहे हैं। कल (सोमवार) सुबह 11 बजे दुकान पर ही रहिएगा, राहुल गांधी ने आपके लिए कुछ सामान भेजे हैं वो आपतक पहुंचाना है। 

जिले के कूरेभार ब्लॉक अंतर्गत विधायक नगर चौराहे पर लकड़ी की गुमटी में रामचेत मोची की दुकान है। जहां बोर्ड पर रामचैत ने राहुल गांधी के संग अपनी व बेटे की तस्वीर तक लगा रखी है। इसी दुकान पर रात को मिले समय के अनुसार राम चैत व उसका बेटा सोमवार 11 बजे मौजूद था। दोपहर करीब दो बजे एक चार पहिया वाहन आकर यहां रुका, तीन लोग उस पर से उतरे। उन्होंने बताया कि हम राहुल गांधी की टीम के सदस्य हैं, आपके भईया ने आपके लिए कुछ सामान भेजे हैं। इसके बाद गाड़ी खोलकर उन लोगों ने रामचैत को सामान दिखाया जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान बिखर गई। राम चेत उसके बेटे आदि ने एक एक कर सामान को गाड़ी से उतारा। 

रामचेत ने बताया कि गाड़ी पर लगभग 50 हजार रूपये से अधिक का सामान आया था। इसमें पफ चमड़ा (नंबर वन) जो फस्ट क्वॉलिटी का है वो लदा था। इसके अतिरिक्त रिपीट, सिलाई का सामान, सोल और पैताबा आया है। हम इससे लेडीज व जेंट्स दोनों के चप्पल-जूते तैयार कर सकते हैं। रामचेत ने बताया कि कुल चार कार्टून माल राहुल भईया ने भेजा है।

कूरेभार के विधायक नगर चौराहे पर चार दशकों से रामचेत लकड़ी की गुमटी में जूता चप्पल बनाकर अपना व परिवार का पालन पोषण करते थे। लेकिन बीते 26 जुलाई को राम चैत तब खास व्यक्ति हो गए जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का काफ़िला उनकी दुकान पर रुक गया था।

एमपी एमएलए कोर्ट पर पेशी से लौटते हुए राहुल गांधी ने रुककर रामचैत मोची से न केवल भेंट की थी बल्कि यहां एक चप्पल की सिलाई व एक जूता चिपकाया था।अगले ही दिन से इस जूते चप्पल की क़ीमत लाखों में लगने लगी थी लेकिन राम चैत ने इसे बेचने से मना कर दिया था। यही नहीं राहुल ने राम चैत की आर्थिक व पारिवारिक स्थिति की जानकारी लेने के बाद उन्हें एक सिलाई मशीन भेजी थी, जिसके बाद राम चैत ने राहुल को दो जूते अपने हाथो से तैयार कर गिफ्ट किए थे।

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