जाम का बंधन: दोपहर से देर शाम तक रेंगते रहे वाहन, बारिश ने और बढ़ा दी मुश्किलें
कानपुर में शुभ मुहूर्त पर अपनों संग रक्षाबंधन का पर्व मनाने निकले भाई-बहनों को सोमवार को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। राखी बांधने के दोपहर डेढ़ बजे के मुहूर्त के चलते एकाएक भीड़ निकल पड़ी। पूरा शहर जाम से कराह उठा। शहर से होकर निकल रहे हाईवे ही नहीं प्रमुख सड़कें और गलियों में भी वाहन फंसे रहे। राखी बांधने या बंधवाने के लिए घर से निकले भाई-बहन जाम के बंधन में जकड़े रहे।
रही-सही कसर बारिश ने पूरी कर दी। शाम को हुई बारिश के बाद एक बार फिर से लोग जब सड़कों पर निकले तो जाम और भीषण हो गया। पांच-10 मिनट की दूरी तय करने में एक-एक घंटा लग गया। ट्रैफिक व सिविल पुलिस की सड़क पर गैरमौजूदगी की वजह से हालात ऐसे हो गए कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक शहर के तकरीबन हर हिस्से में दिनभर वाहन रेंगते रहे।
रामादेवी से लेकर टाटमिल, नौबस्ता, गोविंदनगर, गोविंदपुरी पुल, गंगा बैराज जैसे कई क्षेत्रों में तो लोगों को एक-एक इंच गाड़ी बढ़ाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। तेज धूप, भारी उमस और बारिश ने जाम में फंसे राहगीरों की मुश्किलों को और बढ़ाया। जाम से लोगों के कराहने के बाद सक्रिय हुई सिविल व ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों व आला अधिकारियों के सक्रिय होने के बाद देर शाम हालात सामान्य हो पाए।
टाटमिल चौराहे पर 16 कर्मियों संग डटीं डीसीपी ट्रैफिक
ट्रैफिक के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टाटमिल चौराहे पर लगे भयावह जाम को खत्म करने के लिए डीसीपी ट्रैफिक आरती सिंह 16 ट्रैफिक कर्मियों के साथ जुटीं तो करीब दो घंटे में हालात सामान्य हो सके। इसी तरह डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार, डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी, एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार, एसीपी स्वरूपनगर, डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने भी अलग-अलग जगह खड़े होकर हालात सामान्य कराए।
जाम लगने के पांच बड़े कारण
जूही खलवा पुल का बंद होना
साउथ के लोगों को शहर से जोड़ने वाला जूही खलवा पुल तीन जलभराव के चलते तीन दिन से बंद है। इसके चलते त्योहार वाले दिन लोग गोविंदनगर, दादानगर और नया पुल से होकर गुजरे। इसकी वजह से इन रूटों पर ट्रैफिक लोड बढ़ गया और इसका नतीजा जाम के रूप में सामने आया।
पहले से नहीं किए कोई इंतजाम
पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के आला अफसरों को पता था कि जूही खलवा पुल बंद है। इसके बाद भी त्योहार के मद्देनजर विषेश इंतजाम नहीं किए। जैसे अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती नहीं की। अनावश्यक कट बंद नहीं किए गए। जाम में फंसे लोगों ने इन कटों से निकलने के चक्कर में मुसीबत और बढ़ा दी।
राखी के शुभ मुहूर्त दोपहर डेढ़ बजे से शुरू होना
आमतौर पर राखी का शुभ मुहूर्त सुबह से रहता है। इस बार यह मुहूर्त दोपहर डेढ़ बजे से शुरू हुआ। इसके चलते लोग मुहूर्त के अनुसार निकले तो एकाएक लोड बढ़ने से दोपहर को शहर की सड़कें जाम से जकड़ गईं। पूरे दिन मुहूर्त रहता है तो एकसाथ ट्रैफिक लोड नहीं बढ़ता।
पुलिस व ट्रैफिक पुलिस की गैरमौजूदगी
दरअसल, शुभ मुहूर्त दोपहर में होने की वजह से इसके पहले तक यातायात सामान्य रहा। इसके चलते पुलिस व ट्रैफिक पुलिसकर्मी सड़कों से नदारद हो गए। इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि मुहूर्त के समय जब भीड़ निकली तो उन्हें संभालना मुश्किल हो गया।
लोगों की नासमझी और जल्दबाजी
जाम में फंसने के बाद लोगों ने जल्दबाजी और नासमझी से खुद ही मुसीबत बढ़ा ली। पहले निकलने के फेर में अपनी लेन छोड़क दूसरी लेन पर चले गए। जहां जगह मिली, वहां अपना वाहन घुसेड़ दिया। इससे जाम और जकड़ गया। इसके अलावा रामादेवी में एक ट्रक का टायर फट जाने से भी घंटों जाम लगा।