महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को जापान, जर्मनी से आगे ले जाने के लिए करेंगे काम
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बुधवार को मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की जीवनी ‘योद्धा कर्मयोगी – एकनाथ संभाजी शिंदे’ के लॉन्च कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान राधाकृष्णन ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया।
राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि वह राज्य की अर्थव्यवस्था को जापान और जर्मनी से भी बड़ी बनाने के लिए काम करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि सृजित संपत्ति राज्य के सुदूर गांवों तक पहुंचे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
2047 तक भारत होगा दुनिया का अमीर देश- राधाकृष्णन
राज्यपाल ने समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, 2047 तक एक दिन ऐसा आएगा जब भारत दुनिया का सबसे अमीर देश होगा। उस समय, हमारे महाराष्ट्र राज्य की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बड़ी होनी चाहिए, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए और हम सभी को इस दिशा में काम करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा, मैं आपके साथ मिलकर इस हद तक काम करूंगा कि महाराष्ट्र राज्य की अर्थव्यवस्था दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बड़ी हो जाए, जापान से बड़ी हो जाए, व्यक्तिगत रूप से जर्मनी से बड़ी हो जाए।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि सृजित धन महाराष्ट्र के सबसे दूरदराज के, अलग-थलग गांवों तक पहुंचे।
राज्यपाल ने की एकनाथ शिंदे की सराहना
शिंदे की प्रशंसा करते हुए राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री के करियर की दिशा और मेगास्टार अमिताभ बच्चन के करियर के बीच समानताएं बताईं और बताया कि दोनों ही कम-प्रोफाइल वाले व्यक्ति से करिश्माई नेता बन गए हैं।
उन्होंने शिंदे की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना की तथा युवाओं से उनके उदाहरण से सीखने का आग्रह किया।
राधाकृष्णन ने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे सहित महाराष्ट्र के प्रमुख प्रभावशाली व्यक्तित्वों की सराहना की, जिन्हें उन्होंने युवाओं का आदर्श और स्थानीय अधिकारों का चैंपियन बताया।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह आज भी उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं।