राजनाथ सिंह सूर्य को श्रद्धांजलि, सरकार शुरु करेगी पुरस्कार, बनेगी लाइब्रेरी

लखनऊ, 14 जून. प्रखर पत्रकार, स्वतंत्र भारत, हिन्दी दैनिक के पूर्व संपादक व पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह सूर्य के निधन पर आज शुक्रवार एनेक्सी मीडिया सेंटर में पत्रकारों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से आयोजित शोकसभा में स्व. राजनाथ सिंह को याद किया और उन्हें उत्तर प्रदेश ही नही बल्कि देश का गौरव बताया।

समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने स्व. राजनाथ सिंह को याद करते हुए कहा कि वे न केवल हिन्दी के प्रखर पत्रकार थे बल्कि हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष भी रहे थे। हिन्दी के प्रति उनके लगाव को देखते हुए राज्य सरकार को उनकी व दिवंगत पत्रकार शेखर त्रिपाठी की याद में एक पुरस्कार की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्व. सिंह की याद में पत्रकारों के लिए कार्यशालाओं व गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए। वरिष्ठ.पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह, दयानंद पांडे, शिवशंकर गोस्वामी ने इस मांग का समर्थन किया।

शोकसभा में मौजूद अपर मुख्य सचिव सूचना, अवनीश अवस्थी व निदेशक सूचना शिशिर ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस पर विचार करेगी और जल्दी ही स्व. राजनाथ सिंह के नाम से हिन्दी संस्थान की ओर से पुरस्कार शुरु करने संबंधी फैसला लिया जाएगा। श्री अवनीश अवस्थी ने कहा कि पत्रकारों की ओर से इस संबंध में औपचारिक अनुरोध उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध करा दिया जाए।

श्री अवस्थी ने कहा कि सूचना विभाग अपना नया भवन बनवा रहा है जहां राजनाथ सिंह की याद में एक रेफरेंस लाइब्रेरी बनाने पर भी विचार हो सकता है। उन्होंने पत्रकारों से अनुरोध किया इस संबंध में सभी अपने सुझाव विभाग को दें।

शोकसभा में वरिषठ पत्रकार अजय कुमार ने स्व. राजनाथ सिंह के साथ बिताए गए पलों व कवरेज में उनके साथ को याद किया तो मीडिया मंच पत्रिका के संपादक टीबी सिंह ने उनके साथ अपने जुड़ाव की यादें साझा कीं। वरिष्ठ पत्रकार अनूप श्रीवास्तव, मुकुल मिश्रा प्रदुम्न तिवारी, श्याम कुमार, सुल्तान शाकिर हाशमी, सिद्धार्थ कलहंस सहित कई अन्य पत्रकारों ने भी उन्हें याद किया।

शोकसभा में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष भास्कर दुबे, ज्ञानेंद्र शुक्ला सहित सैकड़ों पत्रकार मौजूद रहे। स्व. राजनाथ सिंह सूर्य को देहदान के लिए प्रेरित करने वाले केजीएमयू के डा. सूर्यकांत खास तौर से मौजूद रहे।

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