इन12 हीरोइनों की पहली फ़िल्म का यह सच आपको हैरान कर देगा!

हिंदी सिनेमा की कई एक्ट्रेसेज़ ने दर्शकों के दिलों पर राज किया है। इनमें से कुछ अदाकाराएं ऐसी भी हैं, जिन्होंने अपने सिनैमेटिक करियर की शुरुआत हिंदी फ़िल्मों से नहीं की, मगर अपने फ़न और अदाकारी से हिंदीभाषी दर्शकों के साथ ऐसा राब्ता कायम किया कि लगता ही नहीं इन्होंने किसी दूसरी भाषा के सिनेमा से अपना करियर शुरू किया है। इस लेख में ऐसी ही एक्ट्रेसेज़ की चर्चा, जिन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा से अपना करियर शुरू किया था, लेकिन फिर यहीं की होकर रह गयीं और फिर ऊंचाइयों को छुआ।

ऐसी ही एक्ट्रेसेज़ में शामिल हैं ऐश्वर्या राय बच्चन। ख़ूबसूरती और हुनर का बेमिसाल कांबिनेशन ऐश ने बतौर एक्टर अपने करियर की शुरुआत 1997 की तमिल फ़िल्म ‘इरूवर’ से की थी, जिसे मणि रत्नम ने डायरेक्ट किया था। इस फ़िल्म में ऐश की होरी मोहनलाल थे, जो मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार हैं।

1997 में ही ऐश ने हिंदी सिनेमा में ‘और प्यार हो गया’ के साथ क़दम रखा, जिसमें बॉबी देओल ने ऐश के ऑपोज़िट थे। ये फ़िल्म 15 अगस्त को ही रिलीज़ हुई थी। ऐश को इंडस्ट्री में 20 साल से अधिक हो चुके हैं और आज भी उनके चाहने वालों की तादाद में कोई कमी नहीं आयी है।

प्रियंका चोपड़ा इंटरनेशनल स्टार बन चुकी हैं। बॉलीवुड में प्रियंका ख़ुद को साबित करने के बाद प्रियंका ने हॉलीवुड की उड़ान भरी और वहां भी अपनी धाक जमा रही हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, कि प्रियंका के फ़िल्मी करियर की नींव भी साउथ में रखी गई थी। 2002 में प्रिंयका की पहली तमिल फ़िल्म Thamizhan रिलीज़ हुई थी और उनके हीरो थे विजय। इसके बाद 2003 में प्रियंका ने ‘द हीरो- लव स्टोरी ऑफ़ ए स्पाई’ से हिंदी सिनेमा में सनी देओल के साथ डेब्यू किया।

गोरा करने वाले उत्पादों के विज्ञापनों के लिए मशहूर रहीं यामी गौतम भी दक्षिण भारतीय सिनेमा का प्रोडक्ट हैं। यामी ने कन्नड़ फ़िल्म ‘उल्लास उत्साह’ से फ़िल्मों में करियर शुरू किया। इस फ़िल्म में उनके को-एक्टर गणेश थे। 2012 में यामी ने आयुष्मान खुराना के साथ ‘विक्की डोनर’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया। इसी साल आयी बेहद कामयाब फ़िल्म उरी द सर्जीकल स्ट्राइक में यामी एक अहम किरदार में नज़र आयी थीं।

दीपिका पादुकोण हिंदी सिनेमा की सफल हीरोइनों में शुमार हैं। मेघना गुलज़ार के निर्देशन में बन रही छपाक से वो बतौर निर्माता भी अपने करियर की शुरुआत कर रही हैं। दीपिका के करियर की शुरुआत कन्नड़ सिनेमा से हुई। दिलचस्प बात ये है कि 2006 में आई दीपिका की इस फ़िल्म का टाइटल ‘ऐश्वर्या’ था, जिसमें उनके हीरो उपेंद्र थे। 2007 में दीपिका ने शाह रुख़ ख़ान के साथ ‘ओम शांति ओम’ से हिंदी सिनेमा में सक्सेसफुल डेब्यू किया।

कृति सनोन अक्षय कुमार के साथ हाउसफुल4 में नज़र आएंगी। हिंदी सिनेमा में कृति ने 2014 में ‘हीरोपंती’ से करियर शुरू किया था, मगर उससे पहले वो तेलुगु फ़िल्म 1- Nenokkadine से महेश बाबू के साथ डेब्यू कर चुकी थीं।

हिंदी सिनेमा में तब्बू  का नाम बेहतरीन एक्ट्रेस के तौर पर जाना जाता है, पर तब्बू ने बतौर लीडिंग लेडी अपना करियर 1991 की तेलुगु फ़िल्म कुली नंबर 1 से किया था, जिसमें उनके ऑपॉज़िट वेंकटेश थे। बाद में तब्बू ने 1994 में पहला पहला प्यार से ऋषि कपूर के साथ हिंदी सिनेमा में अपनी पारी शुरू की थी। तब्बू सलमान ख़ान की फ़िल्म भारत में एक अहम किरदार में नज़र आने वाली हैं।

इलियाना डिक्रूज़ ने रणबीर कपूर के साथ ‘बर्फ़ी’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। हिंदी सिनेमा में पारी शुरू करने से पहले इलियाना दर्ज़न भर से ज़्यादा तमिल और तेलुगु फ़िल्मों में काम कर चुकी थीं। ‘बर्फ़ी’ से मिली शानदार शुरुआत का नतीजा ये हुआ कि इलियाना ने इसके बाद कोई साउथ इंडियन फ़िल्म नहीं की है, क्योंकि बॉलीवुड उन्हें जाने नहीं दे रहा। इलियाना, अजय देवगन के साथ रेड में नज़र आयी थीं।

बॉलीवुड हीरोइन बनने से पहले तापसी पन्नू तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की क़रीब 10 फ़िल्में कर चुकी थीं। तापसी ने डेविड धवन की फ़िल्म ‘चश्मे-बद्दूर’ से हिंदी सिनेमा में अपना करियर शुरू किया और अब हिंदी सिनेमा में भी वो अपनी पहचान बना चुकी हैं। मुल्क में अपनी एक्टिंग के लिए तारीफ़ें बटोर चुकीं तापसी अब सांड की आंख में नज़र आएंगी। इस फ़िल्म में तापसी शूटर दादी के रोल में हैं।

श्रीदेवी श्रीदेवी ने साउथ सिनेमा में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर शुरू किया था। हिंदी सिनेमा में ‘सोलवां सावन’ (1979) फ़िल्म से डेब्यू करने से पहले श्रीदेवी तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में काफ़ी काम कर चुकी थीं, मगर हिंदी सिनेमा में भी उन्हें जमकर शोहरत और चाहने वाले मिले। 2018 में यह दुनिया छोड़कर जा चुकीं श्रीदेवी की आख़िरी फ़िल्म ‘मॉम’ थी, जो उनके करियर की 300 वीं फ़िल्म है।

बीजेपी के टिकट पर रामपुर से लोक सभा चुनाव में खड़ी हुईं जया प्रदा ने हिंदी फ़िल्मों में अपना करियर 1979 की फ़िल्म ‘सरगम’ से शुरू किया था। इस डेब्यू से पहले जया 16 तेलुगु और तमिल फ़िल्में कर चुकी थीं, लेकिन अपनी ख़ूबसूरती और एक्टिंग के दम पर जया हिंदी दर्शकों के बीच भी काफ़ी पॉप्यूलर रहीं और कई हिट फ़िल्मों में काम किया। जया को पर्दे पर देखकर कभी लगा ही नहीं कि वो दक्षिण भारत का प्रोडक्ट हैं। हिंदी फ़िल्मों में मिली इसी शोहरत का असर है कि जया का सियासी सफ़र भी हिंदीभाषी बेल्ट से शुरू हुआ।

हिंदी सिनेमा में अदाकारी और ख़ूबसूरती के रंग भरने वाली रेखा ने भी बतौर लीड एक्ट्रेस अपनी पारी कन्नड़ सिनेमा से शुरू की थी। ये फ़िल्म थी ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सीआईडी 999, जो 1969 में रिलीज़ हुई थी। इस स्पाई थ्रिलर फ़िल्म में रेखा के साथ लेजेंडरी एक्टर राजकुमार और नरसिंहराजू थे। रेखा ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू सावन भादों से किया, जो 1970 में रिलीज़ हुई थी।

वैजयंतीमाला ऐसी एक्ट्रेस रही हैं, जिन्होंने साउथ सिनेमा में नाम कमाने के साथ हिंदी सिनेमा में भी जमकर शोहरत हासिल की। 1951 की फ़िल्म ‘बहार’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू करने से पहले वैजयंतीमाला साउथ की कुछ फ़िल्में कर चुकी थीं। इसके बाद उन्होंने कई हिट हिंदी फ़िल्मों में काम किया। 1970 की हिंदी फ़िल्म ‘गंवार’ के बाद वैजयंतीमाला ने एक्टिंग से संन्यास ले लिया था।

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