92 साल के हुए लालकृष्ण आडवाणी, जानें बचपन से लेकर आज तक का उनका सफर

भारतीय जनता पार्टी  के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी  का आज जन्मदिन है। आडवाणी के 92वें जन्मदिन के अवसर पर उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। आज सुबह पीएम मोदी आडवाणी से मिलने उनके घर पहुंचे। उनके साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने भी आडवाणी से मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने ही अयोध्या आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसके बाद भारत की राजनीति पूरी तरह से बदल गई थी और उसे एक नई दिशा मिली थी। आडवाणी हमेशा पार्टी के भीतर ‘लौह पुरुष’ के तौर पर पहचाने जाते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में एल के आडवाणी की काफी बड़ी भूमिका रही है।

वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था आडवाणी का जन्म

देश की राजनीति को एक नई दिशा देने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का जन्म अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में 8 नवंबर 1927 को हुआ था। देश के विभाजन के बाद उनका परिवार मुंबई आ गया था। यहीं उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की थी। बता दें कि जब आडवाणी महज 14 साल की उम्र के थे तभी से उनका खिंचाव संघ की तरफ हो गया था और वह संघ से जुड़ गए थे।

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इसके बाद वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित जनसंघ से जु़ड़ गए। बाद में जनता पार्टी और भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद वह बीजेपी की मुख्यधारा के नेता बन गए।

50 साल राजनीति की मुख्य धारा में रहे

राम मंदिर आंदोलन को लेकर भले ही आडवाणी की मुख्य तौर पर पहचान हो लेकिन वह हमेशा से भाजपा के शीर्ष नेताओं में से रहे हैं। अटल बिहारी बाजपेयी के साथ के बाद दोनों भाजपा की राजनीति में नंबर वन और नंबर दो की राजनीति करते रहे। एनडीए शासन काल में जिस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी को उप प्रधानमंत्री बनाया गया था।

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