9 साल बाद 98 आदिवासी, ईसाई धर्म त्यागकर फिर बने हिन्दू- हिन्दू जागरण मंच

त्रिपुरा के 23 आदिवासी परिवारों के 98 ईसाइयों ने घर वापसी करते हुए फिर से हिंदू धर्म को अपना लिया है। हिंदू जागरण मंच ने इस बारे में जानकारी दी है। हिंदू जागरण मंच की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष उत्तम डे ने बताया है कि इन लोगों ने वर्ष 2010 में ईसाई धर्म अपना लिया था। इनमें से अधिकतर लोग बिहार और झारखंड के निवासी हैं और ये त्रिपुरा के चाय बागान में काम करते हैं। वहीं, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से कहा गया है कि इन लोगों को वर्षों पहले, ईसाई धर्म अपनाने के लिए विवश किया गया था। लेकिन इन्होंने अब स्वेच्छा से फिर से हिंदू धर्म को अपना लिया है।

हिंदू जागरण मंच की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष ने कहा है कि ये परिवार के लापता हुए सदस्यों के घर वापसी करने जैसा है। वे तमाम लोग हिंदू थे, जिन्हें प्रलोभन देकर या फिर जबरदस्ती ईसाई बनाया गया था। उन्होंने कहा है कि ओरावं और मुंडा आदिवासी समुदाय के लोगों की निरक्षरता और गरीबी का कुछ लोगों ने अनुचित लाभ उठाया और उन्हें जबरन ईसाई बना दिया। बताया जा रहा है कि ये तमाम लोग सोनामुखी चाय बागान में कार्य करते थे और जब बागान के बंद हो गए तो कुछ लोगों ने इन्हें लालच देकर ईसाई बना दिया। अगरतला से लगभग 150 किमी दूर धर्म परिवर्तन के इस कार्यक्रम में विहिप के लोग भी उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम के बाद हिंदू धर्म अपनाने वाले कई लोगों ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा है कि प्रलोभन देकर उन्हें ईसाई बनाया गया था, किन्तु धर्म परिवर्तन करने के बाद उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाने लगा। इसके बाद इन लोगों ने धर्म परिवर्तन पर फिर से विचार किया। इन लोगों ने कहा है कि वे सब स्वेच्छा से हिंदू धर्म को अपना रहे हैं।

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