उत्पन्ना एकादशी पर घर ले आएं ये 4 चीजें
वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी व्रत किया जा रहा है। यह व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह में किया जाता है। इस शुभ तिथि पर भगवान विष्णु की एवं मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। साथ ही रात में जागरण कर भजन-कीर्तन किया जाता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साधक भक्ति भाव से सत्यनारायण जी की पूजा करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में एकादशी तिथि पर विशेष उपाय करने का भी विधान है। इन उपायों को करने से न केवल वास्तु दोष दूर होता है, बल्कि पैसे की तंगी से भी छुटकारा भी मिलता है। अगर आप भी घर में व्याप्त वास्तु दोष और आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024) के दिन घर पर ये चीजें जरूर लाएं।
घर ले आएं चीजें
अगहन का महीना जगत के पालनहार भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस महीने में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी अति प्रिय है। इसके लिए उत्पन्ना एकादशी पर बांसुरी घर लेकर आएं। वहीं, पूजा के समय भगवान विष्णु को बांसुरी अर्पित करें। इस समय अपनी मनोकामना भगवान विष्णु से करें। पूजा के पश्चात बांसुरी को भंडार गृह में रख दें।
अगर आप वास्तु दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी पर मोर पंख घर ले आएं। पूजा के समय जगत के पालनहार भगवान विष्णु को मोर पंख अर्पित करें। इसके बाद आप चाहे तो तिजोरी में मोर पंख रख सकते हैं। इसके साथ ही आप शयन कक्ष में भी मोर पंख रख सकते हैं।
हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर गीता जयंती मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। अतः उत्पन्ना एकादशी के दिन घर पर पवित्र ग्रंथ गीता जरूर ले आएं। अब विधि-विधान से गीता की पूजा करें। इस समय गीता का पाठ अवश्य करें।
अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी पर चांदी से निर्मित कामधेनु गाय जरूर घर लाएं। इसके बाद पूजा गृह में स्थापित कर उनकी उपासना करें। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि कामधेनु गाय की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।