बॉल टेंपरिंग मामले में रूल बुक के मुताबिक स्मिथ-वॉर्नर पर लाइफ टाइम लग सकता है बैन

दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्ट में बॉल टेंपरिंग की घटना ने पूरे विश्व क्रिकेट को हिलाकर रख दिया है. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ पर आईसीसी की तरफ से 1 मैच का बैन लगाया गया है, वहीं उनपर 100 प्रतिशत मैच फीस का भी जुर्माना लगा है. इसके अलावा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ को कप्तानी से भी हटा दिया है.

हालांकि, भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह समेत कई क्रिकेट दिग्गजों की माने तो ये सज़ा काफी कम है. हरभजन ने इसको लेकर आईसीसी की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं. दूसरी तरफ अगर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के नियमों को ही देख लें तो उसके मुताबिक स्टीव स्मिथ और कैमरन बेनक्रॉफ्ट पर काफी कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

इन खिलाड़ियों को मिली सजा की मात्रा से टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह खुश नहीं हैं. उन्होंने इस सजा पर आईसीसी पर तंज कसा है. हरभजन ने कहा है, ‘वाह आईसीसी. अद्भुत फैसला और गजब की निष्पक्षता दिखाई. सारे सबूत बैनक्रॉफ्ट के खिलाफ होने के बावजूद उस पर कोई बैन नहीं लगाया. 2001 में तो हमारे छह खिलाड़ियों के खिलाफ कोई सबूत न होने के बावजूद ज्यादा अपील करने पर बैन लगाया था. और 2008 का सिडनी टेस्ट याद है? गलती नहीं पाई गई, फिर भी तीन मैचों के लिए बैन लगाया. आपके पास अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग नियम हैं.’

क्या कहती है रूल बुक?

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. बोर्ड के नियमों के मुताबिक, अगर कोई भी खिलाड़ी खेल को उसके आदर्शों के खिलाफ खेलता हुआ पाया जाता है. तो नियम 42 के मुताबिक उस पर लाइफ बैन तक लग सकता है. हालांकि, इस नियम के तहत दी जाने वाली ये अधिकतम सज़ा है. लाइफ बैन, की गई हरकत और परिस्थितियों को देखते हुए लगाया जाता है. गेंद से छेड़छाड़ का मामला ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के नियमों में 2.2.8 धारा के अंतर्गत आता है.

(ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड का नियम, गेंद से छेड़छाड़ करने पर)

आईसीसी ने क्या दी सज़ा?

आपको बता दें कि अभी आईसीसी की तरफ से अभी आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.2.1 के तहत स्मिथ पर आरोप लगाए गए हैं. इसके अलावा 100 फीसदी मैच फीस काटी गई है. वहीं कैमरन बेनक्राफ्ट पर मैच फीस का 75 फीसदी जुर्माना लगा है.

दरअसल, आईसीसी की ओर से जो सजा दी गई है उसपर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि खिलाड़ियों ने अपनी गलती को मान लिया है. मैच के बाद बेनक्राफ्ट ने गेंद के साथ छेड़खानी करने की बात को कबूला. इसके अलावा स्टीव स्मिथ ने भी कहा था कि ये हमारे प्लान का हिस्सा था और इसके बारे में मुझे और टीम के सीनियर खिलाड़ियों को पूरी खबर थी. इसी बात को लेकर सवाल किया जा रहा ह कि जब गलती करने वाले खिलाड़ी अपनी बात को मान रहे हैं तो फिर उस हिसाब से सजा क्यों नहीं दी जा रही है.

दरअसल, ये पहली बार नहीं है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की इस तरह की हरकत दुनिया के सामने आई हो. मामले की गंभीरता को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी हरकत में आई. घटना के कुछ ही घंटे बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सीए से स्टीव स्मिथ को कप्तानी से हटाने के लिए कहा था.

क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने भी इस घटना को ‘चौंकाने वाला और निराशाजनक कहा था. टर्नबुल ने कहा, ‘हम सभी सुबह-सुबह दक्षिण अफ्रीका की खबरों से निराश हुए. यह पूरी तरह से विश्वास से परे लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम धोखाधड़ी में शामिल थी.’

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