विनोद मेहरा की मौत के बाद प्रतीक्षा (1993, लॉरेंस डिसूजा), सरफिरा (1992), इंसानियत (1994, टोनी जुनेजा) जैसी कुछ फिल्में रिलीज हुईं। लाल पत्थर (1972), अनुराग (1972), सबसे बड़ा रुपैया (1976), नागिन (1976), अनुरोध (1977), जानी दुश्र्मन (1979), बिन फेरे हम तेरे (1979), द बर्निंग ट्रेन (1980), टक्कर (1980), ज्योति बने ज्वाला (1980), प्यार की जीत (1987) उनकी प्रमुख फिल्में रहीं।
अपनी बोलती आंखों की चमक से लाखों लोगों के दिल में अपनी जगह बनाने वाले एक्टर विनोद मेहरा 70-80 के दशक के बड़े स्टार्स में से एक थे। महज 45 साल की उम्र में इस जादुई अभिनेता को मौत ने गले लगा लिया। सौ से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके विनोद का निधन 30 अक्टूबर 1990 को हार्ट अटैक के कारण हो गया था। आज भी सिनेमा के दीवाने उन्हें याद करते नहीं थकते।